न्यू स्पेस इंडिया लिमिटेड (एनसिल) और इसरो द्वारा 26 मार्च, 2023 को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा में स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र (एसडीएससी) से एलवीएम3 एम3 प्रमोचन यान के माध्यम से 36 उपग्रहों को अंतरिक्ष में प्रक्षेपित कर वनवेब इंडिया मिशन के दूसरे और अंतिम चरण को सफलतापूर्वक पूरा किया गया। यान ने लगभग नौ मिनट की उड़ान में पृथ्वी की निम्न कक्षा में 450 किलोमीटर की आवश्यक तुंगता प्राप्त की; अठारहवें मिनट में उपग्रह अंतःक्षेपण (इंजेक्शन) की स्थिति हासिल की; और बीसवें मिनट में उपग्रहों को निक्षेपित (इंजेक्ट) करना शुरू कर दिया। यान के सी25 चरण ने बार-बार ऑर्थोगोनल (लंबकोणीय) दिशाओं में खुद को उन्मुख करने और उपग्रहों को टकराव से बचाने के लिए निश्चित समय-अंतराल में सटीक कक्षाओं में उपग्रहों को निक्षेपित करने के लिए एक परिष्कृत युक्तचालन का प्रदर्शन किया। 36 उपग्रहों को नौ चरणों में, चार-चार के बैच में, अलग किया गया। वनवेब ने सभी 36 उपग्रहों से संकेत प्राप्ति की पुष्टि की। इन 36 उपग्रहों का कुल नीतभार 5,805 किलोग्राम था। यह एलवीएम3 का छठा और वनवेब ग्रुप कंपनी से संबंधित उपग्रहों के लिए 18वां प्रमोचन था, जिसके बाद वनवेब के प्रमोचित उपग्रहों की संख्या 618 हो गई है।
वनवेब जेन-1 उपग्रह अंतरिक्ष से संचालित एक वैश्विक संचार नेटवर्क है, जो सरकारों, व्यवसायों और समुदायों के लिए इंटरनेट संयोजकता (कनेक्टिविटी) को सक्षम बनाएगा। वनवेब, लद्दाख से लेकर कन्याकुमारी और गुजरात से लेकर अरुणाचल प्रदेश तक भारत में इंटरनेट कनेक्टिविटी प्रदान करने हेतु प्रतिबद्ध है। इस उद्देश्य की प्राप्ति के लिए यह पृथ्वी की निम्न कक्षा (एलईओ) में स्थापित उपग्रहों के एक समूह को क्रियान्वित कर रहा है। ‘वनवेब’, यूनाइटेड किंगडम में स्थित वनवेब ग्रुप कंपनी को संदर्भित करता है। इसमें भारत की एक कंपनी भारती ग्लोबल सबसे बड़ी निवेशक है।
वनवेब जेन-1 उपग्रह
वनवेब जेन-1 उपग्रहों को 12 कक्षीय तलों में व्यवस्थित किया गया है और प्रत्येक तल में 1,200 किलोमीटर की वृत्तीय कक्षा में 49 उपग्रह हैं। इस उपग्रह समूह में कुल 648 उपग्रह होंगे, तथापि वैश्विक स्तर की सुविधाएं प्रदान करने के लिए वनवेब के 588 उपग्रह पर्याप्त हैं। प्रत्येक वनवेब जेन-1 उपग्रह का नीतभार 150 किलोग्राम है। अंतर-उपग्रह टकराव से बचाने के लिए प्रत्येक उपग्रह को 4 किलोमीटर की दूरी पर रखा गया है। इनमें लगा पेलोड Ku और Ka बैंड में संचालित होने वाला एक बेंट-पाइप सिस्टम है। फॉरवर्ड लिंक उपग्रह Ku ऐंटेना के माध्यम से गेटवे से Ka-बैंड सिग्नल प्राप्त करता है। रिटर्न लिंक उपग्रह Ku ऐंटेना के माध्यम से उपयोगकर्ता टर्मिनलों (UTs) से Ku-बैंड सिग्नल प्राप्त करता है।
एलएवीएम3
जीएसएलवी एमके3 (जियोसिंक्रोनस सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल एमके3) परियोजना को 2002 में स्वीकृत किया गया था, जिसे भू-तुल्यकालिक कक्षा में 4 टन भार वर्ग के उपग्रहों को प्रक्षेपित करने की क्षमता हासिल करने के लिए स्वदेशी रूप से प्रक्षेपण यान विकसित करने हेतु निर्दिष्ट किया गया था। इस विकास कार्यक्रम को तीन सफल उड़ानों, एलवीएम3 एक्स, जीएसएलवी एमके3 डी1 और जीएसएलवी एमके3 डी2, के माध्यम से पूरा किया गया है। जीएसएलवी एमके3 को दो ठोस स्ट्रैप-ऑन मोटर्स (एस200), एक लिक्विड कोर स्टेज (एल110) और एक उच्च थ्रस्ट क्रायोजेनिक अपर स्टेज (सी25) के साथ तीन चरण के वाहन के रूप में विन्यसित किया गया है। एस200 सॉलिड मोटर 204 टन सॉलिड प्रोपेलेंट के साथ विश्व के सबसे बड़े सॉलिड बूस्टर्स में से एक है। तरल एल110 चरण 115 टन तरल प्रणोदक के साथ एक दोहरे तरल इंजन विन्यास का उपयोग करता है, जबकि सी25 क्रायोजेनिक ऊपरी चरण 28 टन के प्रणोदक लोडिंग के साथ पूरी तरह से स्वदेशी उच्च प्रणोद क्रायोजेनिक इंजन (सीई20) के साथ विन्यस्त किया गया है। वाहन की कुल लंबाई 43.5 मीटर है जिसमें 640 टन का कुल लिफ्ट-ऑफ वजन और 5 मीटर-व्यास पेलोड फेयरिंग है।
वर्ष 2022 में वनवेब इंडिया-1 मिशन की शुरुआत से कुछ समय पहले जीएसएलवी एमके3 का नाम बदल कर एलवीएम-3 कर दिया गया था, क्योंकि यह रॉकेट उपग्रहों को भू-समकालिक कक्षा में स्थापित नहीं करने वाला था। जैसाकि वनवेब जेन-1 उपग्रह 1,200 किलोमीटर की वृत्तीय कक्षा एलईओ में संचालित होते हैं।
एनसिल द्वारा वनवेब के 72 उपग्रहों को एलईओ में प्रक्षेपित करने के लिए एक वाणिज्यिक समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे। एलवीएम3-एम2/वनवेब इंडिया-1 मिशन के तहत 23 अक्तूबर, 2022 को इसके 36 उपग्रहों को प्रक्षेपित किया गया था, जो एलवीएम-3 का पहला वाणिज्यिक मिशन था। 20 मई, 2023 को फैल्कन 9 रॉकेट द्वारा वनवेब के 16 अतिरिक्त उपग्रहों को प्रक्षेपित किया गया, जिसके बाद अब वनवेब के कुल 633 जेन-1 उपग्रह एलईओ में स्थापित हो चुके हैं। वनवेब ग्रुप कंपनी के अनुसार, वह जनवरी 2024 तक वैश्विक वाणिज्यिक सेवाएं शुरू करने की ओर अग्रसर है।
© Spectrum Books Pvt Ltd.