इंडस्ट्री 4.0 (4 आईआर) या चौथी औद्योगिक क्रांति प्रौद्योगिकी, उद्योगों और सामाजिक प्रतिरूपों तथा प्रक्रियाओं के क्षेत्रों में डाटा उपयोग और भंडारण, डाटा कनेक्टिविटी (संयोजकता), एनालिटिक्स (डाटा के प्रसंस्करण, विश्लेषण और प्रतिपादन की प्रक्रिया) और मानव-मशीन के बीच पारस्परिक प्रभाव में हुई वृद्धि जैसे रुझानों द्वारा अभिलक्षित तीव्र बदलाव की संकल्पना करती है।

इंडस्ट्री 4.0 ने विनिर्माण और औद्योगिक प्रक्रियाओं में औद्योगिक आईओटी (आईआईओटी) नेटवर्क, एआई (कृत्रिम बृद्धि) और मशीन लर्निंग, बड़े पैमाने पर मशीन-से-मशीन (एम2एम) संचार, रोबोटिक्स  और स्मार्ट ऑटोमेशन (अत्यधिक दक्ष, सटीक एवं नियंत्रित निर्णय लेने की सुविधा देने हेतु विभिन्न समृद्ध डेटा के साथ कार्य प्रगति की गहन समझ को शामिल करना), तथा क्लाउड कनेक्टिविटी (इंटरनेट के माध्यम से विभिन्न सेवाओं का वितरण, जिसमें डेटा भंडारण, सर्वर, डेटाबेस, नेटवर्किंग आदि शामिल होते हैं) जैसी कुशल डिजिटल प्रौद्योगिकियों के एकीकरण के माध्यम से व्यवसायों द्वारा अपने उत्पादों के अभिकल्पन, निर्माण और वितरण करने के तरीके को नया रूप दिया है।

चौथी औद्योगिक क्रांति के तहत अर्थव्यवस्था के क्षेत्रों और संगठनों के कामकाज के तरीकों में एक व्यवस्थित परिवर्तन शामिल है। उच्च दक्षता, लचीलापन और उत्पादकता को प्राप्त करने के लिए प्रौद्योगिकी-संचालित यह क्रांति संगठनों और व्यवसायों के काम करने के तरीके को बदल देती है, जैसाकि उन्नत उत्पादन सुविधाएं, भंडारण प्रणालियां और उपयोग की जाने वाली स्मार्ट मशीनें बिना किसी मानवीय हस्तक्षेप के कार्यों को ट्रिगर कर सकती हैं, उपकरणों को नियंत्रित कर सकती हैं और स्वायत्त रूप से सूचनाओं का आदान-प्रदान कर सकती हैं।

यह भौतिक निविष्टि या प्राकृतिक संसाधनों की तुलना में बौद्धिक क्षमताओं पर निर्भरता बढ़ाकर ज्ञानपरक अर्थव्यवस्था (एक आर्थिक प्रणाली जिसमें उत्पादन और सेवाएं बहुत हद तक ज्ञान-गहन गतिविधियों पर आधारित होती हैं, जो तकनीकी और वैज्ञानिक प्रगति की त्वरित गति में योगदान करती हैं।) में बदलाव लाने में सहायता करती है।

पहली से चौथी औद्योगिक क्रांति

1700 के दशक के अंत और 1800 के दशक की शुरुआत के बीच पहली औद्योगिक क्रांति जल और भाप की शक्ति के माध्यम से हुए मशीनीकरण से आईः विनिर्माण ने शारीरिक श्रम और पशु-चालित श्रम पर ध्यान केंद्रित करने के बजाय श्रम के एक अधिक अनुकूलित रूप, जिसके तहत लोगों द्वारा जल, भाप की शक्ति और अन्य प्रकार के मशीनी उपकरणों का प्रयोग किया जा रहा था, की ओर बढ़ना शुरू कर दिया।

इस्पात का प्रयोग आरंभ होने के साथ दूसरी औद्योगिक क्रांति (1870 के आस-पास) ने विद्युत, तेल और गैस के उपयोग के साथ क्रमिक संयोजन विन्यासों (असेंबली लाइन अर्थात मशीनों, उपस्करों और श्रमिकों को इस क्रम से संयोजित करना कि उत्पादन की विभिन्न उप-प्रक्रियाएं, समय नष्ट किए बिना एक के बाद एक संपन्न होती रहें और अंतिम चरण में वस्तु पूरी तरह बनकर तैयार हो जाए।), जिसने निर्माताओं को उत्पादकता और दक्षता बढ़ाने तथा मशीनरी को अधिक चल संपत्ति बनाने में सक्षम बनाया, जैसी उत्पादन की संकल्पनाओं को व्यापक स्तर पर बढ़ावा दिया।

1950 के दशक के अंत में शुरू हुई तीसरी औद्योगिक क्रांति के साथ, निर्माताओं द्वारा स्वचालित उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए इलेक्ट्रॉनिकी (ट्रांजिस्टर और सिलिकॉन चिप का उपयोग कर कंप्यूटर, रेडियो आदि उपकरणों के निर्माण की प्रोद्योगिकी) और कंप्यूटरों का उपयोग किया जा रहा था; प्रोग्रामेबल लॉजिक कंट्रोलर (पीएलसी) और संचार प्रौद्योगिकियों जैसे फील्ड-स्तरीय कंप्यूटरों का उपयोग उत्पादन प्रक्रिया में किया जाने लगा, जिससे उत्पादन प्रक्रिया स्वचालित हुई।

चौथी औद्योगिक क्रांति तीसरी औद्योगिक क्रांति के दौरान शुरू हुई—कंप्यूटर और स्वचालन को अपनाने के साथ—तथा उन्नत प्रौद्योगिकियों के साथ स्मार्ट और स्वायत्त प्रणालियों के द्वारा इसमें सुधार करती है। यह विनिर्माण के लिए अधिक व्यापक, परस्पर संबद्ध और समग्र दृष्टिकोण प्रदान करती है, जैसाकि यह इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईओटी) के माध्यम से अंतःयोजनीयता (इंटरकनेक्टिविटी), वास्तविक समय में डाटा तक पहुंच, साइबर-भौतिक प्रणालियों की शुरुआत आदि की सहायता से डिजिटल तकनीक को पूरी तरह से काफी बेहतर स्तर पर ले जाती है।

इंडस्ट्री 4.0 का विकास

दूरसंचार और इंटरनेट उद्योग क्षेत्र में हुई प्रगति ने 1990 के दशक में इंडस्ट्री 4.0 के शुरुआती विकास की नींव रखी।

इंडस्ट्री 4.0 शब्द का प्रयोग 2011 में जर्मनी के हनोवर फेयर में सार्वजनिक रूप से किया गया था, जैसाकि यह विनिर्माण के कंप्यूटरीकरण या स्वचालन को बढ़ावा देने—जो कि बाद में इस शब्द का अर्थ बन गया था—के बजाय जर्मन सरकार की उच्च तकनीक रणनीति की एक विशिष्ट परियोजना से संबंधित था।

8 अप्रैल, 2013 को इंडस्ट्री 4.0 पर कार्य समूह ने जर्मन संघीय सरकार को इंडस्ट्री 4.0 कार्यान्वयन अनुशंसाओं के एक समुच्चय सहित अपनी अंतिम रिपोर्ट प्रस्तुत की।

इस शब्द को विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) के संस्थापक क्लॉस श्वाब द्वारा लोकप्रिय बनाया गया था। 2016 में, अपनी पुस्तक ‘द फोर्थ इंडस्ट्रियल रेवोल्यूशन’ में उन्होंने इसे औद्योगिक पूंजीवाद में एक महत्वपूर्ण बदलाव और ‘‘एक ऐसा युग जिसमें आभासी और भौतिक विनिर्माण प्रणालियां विश्व स्तर पर लचीले तरीके से एक-दूसरे के साथ सहयोग करती हैं’’ का सृजन करने के लिए तैयार है, के रूप में संदर्भित किया। यह शब्द अब उभरती हुई उन्नत डिजिटल तकनीक के वर्तमान युग को संदर्भित करता है।

2016 में स्विट्जरलैंड के दावोस में डब्ल्यूईएफ के वार्षिक सम्मेलन का विषय ‘मास्टरिंग द फोर्थ इंडस्ट्रियल रेवोल्यूशन’ था; उसी वर्ष अक्तूबर में, इस संगठन ने सैन फ्रांसिस्को में चौथी औद्योगिक क्रांति के लिए अपना केंद्र खोलने की घोषणा की।

विश्व स्तर पर, कई देशों ने अपनी इंडस्ट्री 4.0 संबंधी रणनीतिक पहलें शुरू की हैं, जिनमें यूएसए का इंडस्ट्रियल इंटरनेट कंसोर्टियम, इटली का इंडस्ट्रिया 4.0 और स्वीडन का प्रोडक्शन 2030 शामिल हैं।

इंडस्ट्री 4.0 में क्या शामिल है?

इंडस्ट्री 4.0 के तहत डिजिटल परिवर्तन, आंकड़ा संग्रह (डाटा कलेक्शन) से शुरू होता है। इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईओटी) के उपकरण वास्तविक समय में डाटा के साथ उत्पादन सुविधा (ये स्मार्ट कारखाने होते हैं) की स्पष्ट तस्वीर प्रदान करने के लिए कंप्यूटर और मशीन को संयोजित करते हैं। फिर बड़ी मात्रा में उपलब्ध उन डाटा को समझने के लिए एआई और अन्य प्रौद्योगिकियों का उपयोग किया जाता है। इंडस्ट्री 4.0—आईओटी प्लेटफॉर्म, मोबाइल उपकरणों, मानव-मशीन इंटरफेस (संयोजित बिंदु), प्रमाणीकरण और धोखाधड़ी का पता लगाने, स्थान का पता लगाने वाली प्रौद्योगिकियों, स्मार्ट सेंसर और डाटा विजुअलाइजेशन (चार्ट, नक्शा, सूचनात्मक रेखाचित्र और एनिमेशन जैसे सामान्य रेखाचित्र के माध्यम से डाटा का निरूपण) के माध्यम से संचालित होता है।

विशेषताएं: इंडस्ट्री 4.0 की प्रक्रियाएं और प्रौद्योगिकियों की विशेषता अंतःसंबंधन है—जैसे आईओटी के माध्यम से एक-दूसरे से जुड़ने वाले उपकरण, मशीन, सेंसर और लोग; सूचना पारदर्शिता जो निर्णय लेने और उन क्षेत्रों की पहचान करने में सहायता करने के लिए बड़ी मात्रा में डाटा तक पहुंच की सुविधा देती है जो कार्यक्षमता बढ़ाने के लिए सुधार से लाभान्वित हो सकते हैं; साइबर फिजिकल सिस्टम (सीपीएस) की अपने कार्यों को स्वायत्त रूप से करने और निर्णय लेने की क्षमता; तथा निर्णय लेने, समस्या-समाधान और कठिन या असुरक्षित कार्यों को करने में सहायता के लिए प्रणालियों द्वारा मनुष्यों को तकनीकी सहायता।

कृत्रिम बुद्धि (एआई): इंडस्ट्री 4.0 को संभव बनाने वाली डिजिटल तकनीकों में, एआई की एक प्रमुख भूमिका है, भले ही यह डाटा और ज्ञान अर्थव्यवस्था को आकार देने वाली अन्य तकनीकों से संबद्ध हो।

एआई और मशीन लर्निंग विनिर्माण कंपनियों को न केवल उत्पादन प्रक्रिया में बल्कि आपूर्ति शृंखलाओं और तृतीय पक्ष के स्रोतों सहित अन्य व्यावसायिक इकाइयों में उत्पन्न डाटा की मात्रा का पूरा लाभ उठाने की सुविधा प्रदान करते हैं।

यह हस्तसंचालित निरीक्षण और तकनीकी सहायता का समर्थन करने के लिए स्वचालित निरीक्षण सहित संचालन और व्यावसायिक प्रक्रियाओं के स्वचालन को सक्षम बनाता है।

मशीन लर्निंग सॉफ्टवेयर को उत्पादन योजना, पूर्वानुमानित रख-रखाव, मशीनरी निरीक्षण, लॉजिस्टिक्स (रसद) आदि जैसे क्षेत्रों में स्पष्ट रूप से स्वतः कार्य करने हेतु योजनाबद्ध किए बिना परिणामों के अधिक सटीक पूर्वानुमान लगाने की सुविधा प्रदान करता है। निर्माता तुरंत त्रुटियों का पता लगा सकते हैं, उत्पादन क्षमता में सुधार कर सकते हैं और गलत सकारात्मक त्रुटियों को कम कर सकते हैं।

एआई-संचालित विनिर्माण, सबसे महत्वपूर्ण उपायों के परिनियोजन सहित, से उपज में 30 प्रतिशत तक सुधार, अपशिष्ट में 15 प्रतिशत तक कमी और परिचालन लागत में कम से कम पांच प्रतिशत की कटौती हो सकती है।

डिजिटलीकरण और समाकलनः इंडस्ट्री 4.0 डाटा संग्रह और विश्लेषण के नए तरीकों द्वारा उत्पाद और सेवाओं के डिजिटलीकरण से संबद्ध है जो कंपनियों को अपने उत्पादों को परिष्कृत करने के लिए उत्पाद का उपयोग कर डाटा उत्पन्न करने में सहायता करता है। यह उत्पाद विकास, विनिर्माण, संरचना और जांच प्रक्रियाओं सहित संगठन में ऊर्ध्व रूप से प्रक्रियाओं के समाकलन और क्षैतिज रूप से आपूर्तिकर्ताओं से ग्राहकों के साथ-साथ मूल्य शृंखला तथा सभी मुख्य भागीदारों तक आंतरिक संचालनों को एकीकृत करने की सुविधा प्रदान करता है।

स्मार्ट कारखानेः स्मार्ट कारखाने या कुशल कारखाने, इंडस्ट्री 4.0 की एक मूलभूत विशेषता है। यह एक ऐसी उत्पादन व्यवस्था को संदर्भित करता है जिसमें उत्पादन सुविधाएं और रसद प्रणालियां मानवीय हस्तक्षेप के बिना ही व्यवस्थित की जाती हैं। आईआईओटी, एआई, रोबोटिक्स उन्नत सेंसर, अंतःस्थापित सॉफ्टवेयर और संवर्धित वास्तविकता (ऑगमेंटिड रिएलिटी) जैसी नई तकनीकों को कारखाना उत्पादन सुविधाओं और सभी कार्यों में एकीकृत किया गया है।

स्मार्ट कारखाने बढ़े हुए स्वचालन, बेहतर रखरखाव विशेष रूप से संभाव्य रखरखाव, विभिन्न प्रक्रियाओं के अनुकूलन, बेहतर दक्षता और ग्राहक प्रतिक्रिया के कारण उच्च उत्पादकता और बेहतर गुणवत्ता में परिणत होते हैं। स्मार्ट कारखाने अनुकूलित माल का उत्पादन कर सकते हैं जो वैयक्तिक ग्राहकों की आवश्यकताओं को अधिक लागत प्रभावी ढंग से पूरा करते हैं।

औद्योगिक इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईआईओटी): इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईओटी), लेकिन अधिक विशेष रूप से औद्योगिक इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईआईओटी), स्मार्ट कारखानों का एक प्रमुख घटक है। आईआईओटी व्यापक आईओटी का उपसमुच्चय है, तथा वे सेंसर, क्लाउड प्लेटफॉर्म, कनेक्टिविटी और एनालिटिक्स जैसी सामान्य तकनीकों को साझा करते हैं।

आईओटी एक सामान्य अवधारणा है जो सेंसर या मशीन जैसी भौतिक वस्तुओं और इंटरनेट के बीच संयोजन को संदर्भित करती है। इसका उपयोग अकसर सर्वव्यापी, उपभोक्ता-उन्मुख आईओटी उत्पादों को संदर्भित करने के लिए किया जाता है। लेकिन आईआईओटी एक समष्टि-पद (कलेक्टिव टर्म) है जो विनिर्माण, तेल और गैस एवं ऊर्जा प्रबंधन, तथा उपयोगिताओं जैसे औद्योगिक अनुप्रयोगों की विशेष आवश्यकताओं पर ध्यान केंद्रित करने वाली मशीनों और उत्पादन संयंत्रों के संयोजन का वर्णन करता है।

आईआईओटी को विभिन्न तकनीकों सहित निम्नलिखित प्रौद्योगिकियों द्वारा सक्षम किया गया हैः

  • साइबर-भौतिकी प्रणालियां (सीपीएस) भौतिक प्रक्रिया की गतिशीलता को सॉफ्टवेयर और संचार के साथ समाकलित करती हैं, जो मॉडलिंग (प्रतिरूपण), डिजाइन (अभिकल्पना), तथा विश्लेषण तकनीक और विकेंद्रीकृत निर्णय लेने का उपबंध करता है।

विभिन्न औद्योगिक प्रक्रियाओं में इन प्रणालियों का उपयोग विश्लेषण, मार्गदर्शन और कुशल कार्यों को साझा करने के लिए किया जाता है, जिससे उपकरण और अधिक स्मार्ट बन जाते हैं। ये वर्चुअल विजुअलाइजेशन (आभासी रूप से मानसिक चित्रण) को सक्षम बनाते हैं, अर्थात दूरस्थ स्थानों से भी उद्योगों की निगरानी और विनियमन किया जा सकता है।

  • क्लाउड कंप्यूटिंग सूचनाओं को संग्रहीत, व्यवस्थित और संसाधित करने के लिए इंटरनेट पर होस्ट किए गए इंटरकनेक्टिड (परस्पर संबद्ध) रिमोट सर्वर का उपयोग करने के प्रयोग को संदर्भित करता है।

क्लाउड कंप्यूटिंग के साथ, आईटी सेवाओं और संसाधनों को सर्वर (स्थानीय स्टोरेज उपकरण) से सीधे कनेक्शन के विपरीत इंटरनेट पर अपलोड और पुनर्प्राप्त (क्लाउड-आधारित भंडारण प्रणाली पर रखा जाता है।) किया जा सकता है। क्लाउड पूरे विश्व के डाटा केंद्रों में मौजूद सर्वरों से बना है।

बड़ी मात्रा में डाटा, जो इंडस्ट्री 4.0 प्रौद्योगिकियों को सशक्त बनाता है, क्लाउड (इंटरनेट आधारित डाटा संग्रहण प्रणाली) में स्थित होता है; इन्हें क्लाउड कंप्यूटिंग के साथ कुशलतापूर्वक और लागत प्रभावी ढंग से संसाधित किया जा सकता है।

वर्तमान क्लाउड तकनीक अधिकांश उन्नत प्रौद्योगिकियों—एआई और मशीन लर्निंग से लेकर आईओटी समाकलन तक—के लिए आधार प्रदान करती है और व्यवसायों को नवप्रवर्तन के साधन प्रदान करती है।

डाटा तक पहुंच और भंडारण के लिए क्लाउड आधारित सेवा की ओर अग्रसर होना सुविधाजनक है। यह छोटे और मध्यम आकार के निर्माताओं के लिए स्टार्ट-अप की लागत में कमी सहित कंपनियों की वित्तीय लागत में बचत कर सकता है।

  • एज कंप्यूटिंग एक वितरित कंप्यूटिंग प्रतिमान है जो कंप्यूटर डाटा को उस स्थान के नजदीक संग्रहीत करता है जहां इसकी आवश्यकता होती है। क्लाउड कंप्यूटिंग के विपरीत, एज कंप्यूटिंग किसी नेटवर्क की सीमा में विकेंद्रीकृत डाटा प्रोसेसिंग को संदर्भित करता है। जोखिमपूर्ण स्थिति या जहां डाटा सृजित किया गया है, वहां विश्लेषित डाटा इसके सृजित होने और जब प्रतिक्रिया की आवश्यकता होने के बीच के विलंबित प्रतिक्रिया (लेटेंसी) काल और सुरक्षा जोखिमों को कम करता है।
  • बिग डाटा एनालिटिक्स बृहत और विविध डाटा सेट (‘बिग डाटा’) की जांच करने की प्रक्रिया है।

बिग डाटा परिसंपत्तियों, उपकरण और आईओटी-सक्षम उपकरणों, तथा यहां तक कि कारखाने के बाहर से भी बाजार के रुझान के साथ-साथ अनुसंधान एवं विकास और डिजाइन सुविधाओं, ग्राहक समीक्षा और मौसम एवं ट्रैफिक ऐप जैसे विभिन्न ऐप्स से डाटा संग्रहीत किया जाता है जो सुचारू लॉजिस्टिक्स सुनिश्चित करने में सहायता करते हैं। मशीन लर्निंग द्वारा संचालित एनालिटिक्स को निरीक्षण के लिए वास्तविक समय में डाटा पर लागू किया जाता है जो विनिर्माण और आपूर्ति शृंखला प्रबंधन के सभी पहलुओं में निर्णय लेने और स्वचालन में सहायता करता है।

  • इंडस्ट्री 0 में स्मार्ट सेंसर महत्वपूर्ण हैं क्योंकि ये विनिर्माण प्रक्रियाओं को अधिक कुशल बनाने में सक्षम होते हैं।

विनिर्माण परिवेश में सेंसर डाटा, महत्वपूर्ण जानकारी का स्रोत हैं जिसे बाद में उच्च-स्तरीय निर्णय लेने वाली प्रणाली में भेजा जाता है जो विभिन्न स्थितियों का पता लगाने और उनका पूर्वानुमान लगाने के लिए वास्तविक समय में निगरानी को सक्षम बनाता है।

इंडस्ट्री 4.0: कुछ महत्वपूर्ण अवधारणाएं और प्रौद्योगिकियां

इंडस्ट्री 4.0 उन्नत प्रौद्योगिकियों का उपयोग करता है जो भौतिक और डिजिटल दुनिया को परस्पर जोड़ता है; हालांकि, इसकी पूरी क्षमता का उपयोग केवल तभी होता है जब इनका उपयोग एक साथ किया जाता है।

चौथी औद्योगिक क्रांति स्मार्ट प्रौद्योगिकियों (इसके महत्वपूर्ण ‘स्तंभ’) द्वारा संचालित है जिसमें निम्नलिखित शामिल हैं:

क्षैतिज और ऊर्ध्व एकीकरणः इंडस्ट्री 4.0 क्षैतिज एकीकरण जहां प्रक्रियाओं को ‘क्षेत्र स्तर’—कई उत्पादन सुविधाओं में उत्पादन स्तर पर और आपूर्ति शृंखला में—पर सुदृढ़ता से समाकलित किया जा सकता है, तथा ऊर्ध्व एकीकरण, जहां कोई संगठन सभी स्तरों पर एक साथ सहबद्ध होता है और डाटा जैसेकि एक उपकरण स्वतंत्र रूप से स्थानांतरित होता है, पर निर्भर करती है।

संवर्धित वास्तविकता (एआर): संवर्धित वास्तविकता आम तौर पर डिजिटल सामग्री को वास्तविक परिवेश पर प्रतिस्थापित कर देती है। यह किसी भौतिक चीज जैसेकि एक उपकरण को देखते समय वास्तविक समय के आईओटी डाटा, डिजिटल भागों, सुधार या निर्देशों, प्रशिक्षण सामग्री, तथा इन सभी के मानसिक चित्रण हेतु स्मार्ट चश्मे या मोबाइल उपकरणों के उपयोग की सुविधा देती है। एआर का प्रमुख संभावित प्रयोग रखरखाव, सेवा और गुणवत्ता आश्वासन, तथा तकनीशियन प्रशिक्षण और सुरक्षा के लिए हो सकता है।

योज्य विनिर्माण (3डी प्रिंटिंग): योज्य विनिर्माण (एडिटिव मैनुफैक्चरिंग) या 3डी प्रिंटिंग का उपयोग पहले एक प्रोटोटाइप (प्रारूप) उपकरण के रूप में किया जाता था, लेकिन वर्तमान में इसके कई उपयोग हैं जिनमें बड़े पैमाने पर अनुकूलन और वितरित विनिर्माण सहित उपयोग शामिल हैं। उत्पादन के भागों और उत्पादों को आभासी वस्तुसूची (वर्चुअल इन्वेंट्री) में अभिकल्पित फाइलों के रूप में संग्रहीत किया जा सकता है, तथा जब और जहां आवश्यकता हो, कुछ ही समय में मुद्रित किया जा सकता है, जिससे उत्पादन स्थल पर या उसके बाहर वास्तविक उत्पादन की आवश्यकता को समाप्त किया जा सकता है। 3डी प्रिंटिंग वर्तमान में धातुओं, उन्नत बहुलकों (पॉलिमर), मृदभांडों (सिरेमिक) और जैव पदार्थों के लिए की जा सकती है।

रोबोटिकः स्वायत्त रोबोटों को न्यूनतम मानवीय हस्तक्षेप के साथ संचालित करने के लिए तैयार किया गया है। अत्याधुनिक सॉफ्टवेयर, एआई, सेंसर और मशीन विजन के साथ, इनका संचालन क्षेत्र कारखानों, शिपयार्ड, डिपो आदि में इन्वेंट्री स्कैनिंग (सामानों का सूक्ष्म निरीक्षण) से लेकर परिचालन के लिए ड्रोन द्वारा वस्तुओं को एकत्रित करने और रखने के कार्यों तक होता है। रोबोट अपने परिवेश से प्राप्त जानकारी की पहचान, उसका विश्लेषण और उस पर कार्य करते हैं। वे सावधानीपूर्वक किए जाने वाले नाजुक कार्य भी कर सकते हैं।

सिमुलेशन/डिजिटल ट्विनः डिजिटल ट्विन (अनुरूपता) आईओटी सेंसर, डिवाइस और इंटरनेट से जुड़ी अन्य वस्तुओं के डाटा पर आधारित वास्तविक दुनिया की मशीन, उत्पाद, प्रक्रिया या आपूर्ति शृंखला का एक आभासी अनुकरण या प्रतिकृति है। एक डिजिटल ट्विन का उपयोग किसी विशिष्ट खराबी वाले हिस्से की पहचान करने, संभावित मुद्दों का पूर्वानुमान लगाने और औद्योगिक प्रणालियों, तथा उत्पादों के बेहतर प्रदर्शन और रखरखाव के लिए क्षमता और उपरिकाल में सुधार करने के लिए किया जा सकता है।

साइबर सुरक्षाः एआई मशीन लर्निंग मॉडल और ब्लॉकचेन जैसी तकनीकों का उपयोग करके, कंपनियां जोखिम का पता लगाने, रोकथाम और प्रतिक्रिया को स्वचालित कर सकती हैं, तथा अपने नेटवर्क में अवैध रूप से डाटा चोरी या हस्तांतरण और उत्पादन में देरी के जोखिम को कम कर सकती हैं। साइबर सुरक्षा संगठनों को संवेदनशील डेटा सुरक्षित रखने, उपयोगकर्ताओं को सुरक्षित रूप से इंटरनेट तक पहुंच को सुनिश्चित करने में सहायता करती है, तथा संभावित साइबर हमलों की खोज कर और उन्हें रोकती है।

उपयोग

चौथी औद्योगिक क्रांति अर्थव्यवस्था और समाज के प्रत्येक क्षेत्र में अवसर प्रदान करती है। इसकी अवधारणाओं और प्रौद्योगिकियों को असतत और प्रक्रिया विनिर्माण, तेल एवं गैस, तथा उत्खनन सहित सभी प्रकार के उद्योगों में लागू किया जा सकता है।

इंड्स्ट्री 4.0 के कुछ अन्य लाभों में उत्पादित वस्तुओं की बेहतर दक्षता और उत्पादकता, बेहतर डेटा साझाकरण और विश्लेषण, बेहतर निर्णयन, उत्पादन और आपूर्ति शृंखला लागत में कमी, माल की स्थिरता, सेवाएं और प्रक्रियाएं, लचीलेपन और उत्पाद अनुकूलन में वृद्धि, आसान विनियमन अनुपालन, निर्माताओं के राजस्व में वृद्धि, आपूर्तिकर्ता और सरकार, निवेश का उच्च प्रतिलाभ, तथा ग्राहक अनुभव में सुधार शामिल हैं।

विशिष्ट अनुप्रयोगः एआई और उन्नत एनालिटिक्स सोशल मीडिया, ऑनलाइन समीक्षा और ग्राहक सहायता संवादों जैसे स्रोतों से वास्तविक समय में ग्राहक द्वारा प्रदत्त जानकारी और प्रतिक्रिया के संग्रह एवं विश्लेषण की सुविधा प्रदान करते हैं। अनुसंधान और विकास की टीमें और उत्पाद तैयार करने वाले उपभोक्ता की प्राथमिकताओं और उभरते रुझानों की तुरंत पहचान कर सकते हैं, तथा परिकल्पना प्रक्रिया में उन प्रतिक्रियाओं को शामिल कर सकते हैं।

विनिर्माण और स्मार्ट कारखानों से उत्पादकता और प्रक्रिया स्वचालन में सुधार होता है। कंपनियों के पास नए व्यवसाय मॉडल (प्रारूप) तलाशने, खतरनाक वातावरण में श्रमिकों के लिए स्थितियों में सुधार करने, मांग को पूरा करने के लिए अनुकूलित उत्पाद विकसित करने और पर्यावरणीय उद्देश्यों को पूरा करने के लिए अधिक जानकारी और विकल्प उपलब्ध होते हैं।

यह आपूर्ति शृंखला अनुकूलन में सहायता करता हैः कंपनियां अपनी संपूर्ण शृंखला में अधिक गहन जानकारी, नियंत्रण और शुरू से अंत तक दृश्यता प्राप्त कर सकती हैं। आपूर्तिकर्ताओं, वस्तु-सूची (Inventory) स्तरों, उत्पादन कार्यक्रम, ग्राहक मांग, और आंतरिक टीमों के वास्तविक समय के डाटा के साथ, यह लॉजिस्टिक्स को अनुकूलित करने, आपूर्ति और मांग को संतुलित करने, ऑडर पूर्ति में सुधार करने और समग्र आपूर्ति शृंखला, तथा विनिर्माण दक्षता को बढ़ाने में सहायता करता है।

पूर्वानुमानित रखरखाव/विश्लेषण निर्माताओं को डाटा एनालिटिक्स और आईओटी सेंसर जैसी तकनीक का उपयोग करके वास्तविक समय में रखरखाव के मुद्दों की पहचान करने में सक्षम बनाता है। यह लागत प्रभावी रखरखाव में सहायता करता है, मशीनरी के विफल होने या क्षतिग्रस्त होने से पहले समस्या या क्षति का निर्धारण करता है।

रोबोट जैसे स्वायत्त उपकरण और वाहन निर्माताओं को अधिष्ठान या कार्यस्थल पर सामान एकत्रित करने और परिचालन शुरू करने में सहायता करते हैं।

योज्य विनिर्माण (3डी प्रिंटिंग) मुख्य रूप से आद्य प्ररूपण (प्रोटोटाइपिंग) के लिए उपयोग किए गए जाने से लेकर वास्तविक उत्पादन तक प्रगति कर चुकी है।

सहसंबद्ध उपकरणों की विशेषता वाला औद्योगिक इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईआईओटी) आंतरिक संचालन में सहायता करता है। इसका उपयोग इन्वेंट्री (माल सूची) और सामान का निरीक्षण करने के लिए किया जा सकता हैः उनके स्थान और संचलन की निगरानी करना।

प्रौद्योगिकी का उपयोग स्मार्ट कारखानों, पहनने योग्य स्मार्ट उपकरणों, स्मार्ट शहरों, स्मार्ट कारों, स्मार्ट घरों और ताप स्थापियों (थर्मोस्टैट्स) जैसे स्मार्ट उपकरणों में किया जाता है जो तापन लागत को कम करने के लिए तापमान को समायोजित करते हैं।

ऊर्जा के संबंध में, इंडस्ट्री 4.0 की प्रौद्योगिकियां ऊर्जा खपत, परिवहन उत्सर्जन और कंपनी के कार्बन फुटप्रिंट (किसी व्यक्ति या अन्य इकाई की सभी गतिविधियों से उत्सर्जित कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा) में योगदान करने वाले अन्य कारकों पर वास्तविक समय डाटा के संग्रह और विश्लेषण की सुविधा प्रदान करती हैं।

आईओटी का उपयोग स्मार्ट ग्रिड बनाने के लिए किया जा सकता है जो ऊर्जा खपत को कम करने और ऊर्जा उपयोग में सुधार करने में सहायता करता है।

चिंताएं

इंडस्ट्री 4.0 का कुछ क्षेत्रों और गतिविधि क्षेत्रों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।

आर्थिकः इंडस्ट्री 4.0 स्थापित करने की उच्च लागत के कारण उच्च निवेश होता है। व्यवसाय मॉडल अनुकूलन से लागत भी बढ़ती है। इंडस्ट्री 4.0 से होने वाले आर्थिक लाभ अकसर निर्माताओं और उपयोगकर्ताओं के लिए स्पष्ट नहीं होते हैं।

सामाजिकः इंडस्ट्री 4.0 के कारण निगरानी और अविश्वास के मुद्दे, गोपनीयता संबंधी चिंताएं, बेरोजगारी संबंधी चिंताएं, कॉर्पोरेट आईटी विभाग के अतिरेक की संभावना और परिवर्तन के प्रति सामान्य अनिच्छा हो सकती है।

राजनीतिकः स्पष्ट नियमों और प्रमाणन के रूपों की अनुपस्थिति, डाटा सुरक्षा के मुद्दों और कानूनी मुद्दों से संबंधित अस्पष्टता से संबंधित चिंताएं हैं जो कभी भी प्रकट हो सकती हैं।

संस्थागतः विशिष्ट मशीन-टू-मशीन (एम2एम) के लिए आवश्यक विश्वसनीयता और स्थिरता, उत्पादन प्रक्रियाओं की समग्रता बनाए रखना, क्लाउड-आधारित प्रौद्योगिकी में निवेश के साथ साइबर-हैकिंग का खतरा, उद्योग संबंधी तकनीकी जानकारी की रक्षा, तथा इंडस्ट्री 4.0 की ओर शीघ्र परिवर्तन करने में तेजी लाने के लिए कर्मचारियों के बीच पर्याप्त कौशल समुच्चय की कमी को लेकर चिंताएं हैं।

आगे की राह

इंडस्ट्री 4.0 व्यवसाय को व्यवस्थित और संचालित करने के तरीके और व्यावसायिक संगठनों की एक इकाई के रूप में कार्य करने के तरीके, विशेष रूप से विनिर्माण प्रक्रियाओं के साथ-साथ अन्य पहलुओं को भी, को बदल देगा।

बढ़ी हुई उत्पादकता, दक्षता, लचीलेपन, स्थिरता, सामाजिक समावेशन और समृद्धि के लिए बड़े अवसर हैं लेकिन वे एक सक्षम औद्योगिक व्यवस्था और एक नीति व्यवस्था पर निर्भर हैं जो इस तरह की व्यवस्था का समर्थन करते हैं।

महत्वपूर्ण बात यह है कि इंडस्ट्री 4.0, इंडस्ट्री 5.0—स्थायी उत्पादन, समृद्धि तथा कल्याण, और सभी के स्वास्थ्य, विशेष रूप से औद्योगिक श्रमिकों के जो उत्पादन प्रक्रिया के केंद्र में हैं, के लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए रोजगार और विकास से आगे जाता है—की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

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