नासा ने डार्ट (डबल एस्टेरॉयड रिडायरेक्शन टेस्ट) मिशन के तहत 24 नवंबर, 2021 को कैलिफोर्निया के वैंडनबर्ग स्पेस फोर्स बेस से डार्ट अंतरिक्ष यान को SpaceX के Falcon 9 रॉकेट के माध्यम से अंतरिक्ष में प्रक्षेपित किया। अपनी तरह के इस पहले मिशन के तहत डार्ट अंतरिक्ष यान का 26 सितंबर, 2022 को एक क्षुद्रग्रह (मूनलेट डिमोर्फोस—65803) से टकराना, क्षुद्रग्रह की दिशा बदलने के लिए, अपेक्षित है।
डार्ट मिशन किसी क्षुद्रग्रह के पृथ्वी से टकराने की स्थिति में उसके प्रभाव को रोकने के लिए ग्रह रक्षा हेतु किया जाने वाला एक प्रौद्योगिकी संचालित परीक्षण है। यह मिशन अंतरिक्ष में किसी क्षुद्रग्रह की गति को बदलने के लिए गतिज प्रभावकारी तकनीक (Kinetic Impact Technology) का पहला प्रदर्शन होगा। डार्ट मिशन को जॉन हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी अप्लाइड फिजिक्स लेबोरेटरी (एपीएल) द्वारा विकसित तथा नासा के प्लेनेटरी डिफेंस कोर्डिनेशन ऑफिस द्वारा प्रायोजित किया गया है।
इस मिशन के तहत डार्ट का लक्ष्य द्विआधारी क्षुद्रग्रह मंडल डिडिमॉस है, जिसका अर्थ ग्रीक भाषा में ‘जुड़वां’ है (जो मिशन के नाम में ‘डबल’ शब्द की व्याख्या करता है)। इस मंडल में दो क्षुद्रग्रह मौजूद हैं: बड़ा क्षुद्रग्रह डिडिमॉस (जिसका व्यासः 780 मी. या 2,560 फीट), और छोटा क्षुद्रग्रह मूनलेट डिमोर्फोस (व्यासः 160 मी. या 525 फीट), जो बड़े क्षुद्रग्रह की परिक्रमा करता है। डिडिमॉस, ग्रह रक्षा के लिए किए जाने वाले इस मिशन हेतु एक आदर्श लक्ष्य है; जैसाकि यह पृथ्वी से टकराने के पथ पर नहीं है, और इसलिए यह पृथ्वी के लिए कोई वास्तविक खतरा भी नहीं है।
मिशन के दौरान एक परिष्कृत मार्गदर्शन, नेविगेशन और नियंत्राण (जीएनसी) प्रणाली, जो जॉन हॉपकिन्स अप्लाइड फिजिक्स लेबोरेटरी (एपीएल) में विकसित एल्गोरिदम की मदद से काम करती है, जिसे स्मार्ट एनएवी (स्मॉल-बॉडी मैन्युवरिंग ऑटोनॉमस रीयल टाइम नेविगेशन) कहा जाता है, डार्ट अंतरिक्ष यान को दो क्षुद्रग्रहों के बीच पहचान और अंतर करने में सक्षम बनाएगी और अन्य जीएनसी तत्वों की सहायता से डार्ट अंतरिक्ष यान को डिमोर्फोस की ओर निर्देशित करेगी। तत्पश्चात, अंतरिक्ष यान में लगे ऑनबोर्ड कैमरे (DRACO—डिडिमॉस रिकन्नैसेंस एंड एस्टेरॉयड कैमरा फॉर ऑप्टिकल नेविगेशन) की सहायता से लगभग 6.6 किमी./सेकंड की गति से यह (अंतरिक्ष यान) क्षुद्रग्रह मूनलेट डिमोर्फोस से जा टकराएगा और यह पूरी प्रक्रिया संघट्टन [यांत्रिकी के संदर्भ में, दो या दो से अधिक वस्तुओं के टकराने को संघट्ट (Impact) कहते हैं] के एक घंटे के भीतर होनी अपेक्षित है।
इतालवी अंतरिक्ष एजेंसी के लाइट इटैलियन क्यूबसैट (लीशियाक्यूब—LICIACube) को संघट्टन से 10 दिन पूर्व अंतरिक्ष में प्रक्षेपित किया जाएगा। लीशियाक्यूब डार्ट और क्षुद्रग्रह के संघट्टन की छवियों का प्रग्रहण करेगा, जिसके परिणामस्वरूप इजेक्टा क्लाउड और संभवतः डिमोर्फोस की सतह पर संघट्टन के क्रेटर की एक झलक दिखाई देगी। यह डिमोर्फोस के पिछले हिस्से, जिसे DRACO नहीं देख सकता, पर भी नजर रखेगा, जिससे गतिज मॉडल को उन्नत बनाने में और डेटा एकत्र करने में सहायता प्राप्त होगी। (एक अंतरिक्ष यान द्वारा स्वायत्त रूप से एक क्षुद्रग्रह को लक्ष्य बनाकर नेविगेट करने और इच्छानुसार उससे टकराने की विधि को गतिज प्रभाव कहते हैं।) मिशन को सफल करने हेतु अंतरिक्ष यान में लगे दो रोल-आउट सोलर एरे (ROSA) द्वारा इसके इलेक्ट्रिक प्रपल्शन सिस्टम को सौर ऊर्जा की आपूर्ति की जाएगी।
संघट्टन के समय डिडिमॉस पृथ्वी से लगभग 11 मिलियन किमी. (6.8 मिलियन मील) दूर होगा। इन दोनों का संघट्टन, मुख्य पिंड के चारों ओर अपनी कक्षा में क्षुद्रग्रह की गति को एक प्रतिशत के अंश से बदल देगा, लेकिन यह क्षुद्रग्रह की कक्षीय अवधि को कई मिनटों के लिए बदल देगा—जो पृथ्वी पर दूरबीनों से देखे जाने और मापन के लिए पर्याप्त होगा।
चूंकि, मूनलेट डिमोर्फोस बड़े पिंड डिडिमॉस की परिक्रमा, दोनों क्षुद्रग्रहों द्वारा सूर्य की परिक्रमा करने की तुलना में, बहुत धीमी सापेक्ष गति से करता है, इसलिए बाइनरी सिस्टम (द्विआधारी पद्धति) के तहत डार्ट के गतिज प्रभाव से होने वाले मामूली कक्षा परिवर्तन को सूर्य के चारों ओर एक क्षुद्रग्रह की कक्षा में परिवर्तन की तुलना में कहीं अधिक सरलता से मापा जा सकता है।
डार्ट मिशन की सफलता से भविष्य में पृथ्वी को नुकसान पहुंचाने वाले किसी क्षुद्रग्रह को पृथ्वी से दूर रख पाने की संभावनाओं को बल मिलेगा। (यद्यपि अगले 100 वर्षों तक 140 मी. से बड़े आकार के किसी भी ज्ञात क्षुद्रग्रह के पृथ्वी से टकराने की संभावना नहीं है। अक्टूबर 2021 तक खगोल वैज्ञानिकों द्वारा ऐसे क्षुद्रग्रहों में से केवल 40 प्रतिशत की ही खोज की जा सकी है।)
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