नासा ने इमेजिंग एक्स-रे पोलरिमेट्री एक्सप्लोरर (आईएक्सपीई या एसएमईएक्स-14), एक अन्तरिक्ष वेधशाला, को स्पेसएक्स फाल्कन 9 रॉकेट के माध्यम से 9 दिसम्बर, 2021 को प्रक्षेपित किया, जो ब्रह्माण्ड में ब्लैक होल्स, न्यूट्रॉन तारों, एवं पल्सार इत्यादि से उत्पन्न कॉस्मिक एक्स-रे के ध्रुवीकरण के मापन के लिए समर्पित है। हालांकि, इस मिशन की घोषणा जनवरी 2017 में की गई थी। इस मिशन की अवधि दो साल की है। आईएक्सपीई वेधशाला 600 किलोमीटर की ऊंचाई पर स्थित होगी, और अन्तरिक्ष में अपने पहले वर्ष में इसके 40 आकाशीय पिण्डों का अध्ययन करने की सम्भावना है। 1975 के आठवें ऑर्बिटिंग सोलर ओब्जर्वेटरी (ओएसओ-8) मिशन के बाद प्रक्षेपित आईएक्सपीई ऐसा पहला मिशन है। यह नासा के एक्सप्लोरर कार्यक्रम का एक हिस्सा है, जो हेलियोफिजिक्स (सूर्य और सौर प्रणाली के बीच संबंध का एक विज्ञान) और एस्ट्रोफिजिक्स के अध्ययन हेतु कम लागत वाले अन्तरिक्षयान तैयार करता है।

उल्लेखनीय है कि 14 फरवरी, 2022 को कैसियोपिया A, 17वीं शताब्दी में विस्फोटित एक तारे के अवशेषों से बना एक पिण्ड, की तस्वीरें आईएक्सपीई ने भेजी। इससे पूर्व दूसरे टेलिस्कोप ने भी इसका अध्ययन किया है लेकिन आईएक्सपीई शोधकर्ताओं को नए तरीके से इसके अध्ययन में मदद करेगी।

आईएक्सपीई में विशेष ध्रुवीकरण-संवेदनशील डिटेक्टरों सहित तीन अत्याधुनिक अन्तरिक्ष दूरबीन मौजूद हैं। इन तीन समान दूरबीनों में से प्रत्येक में एक हल्के वजन का एक्स-रे मिरर (आईना) और एक डिटेक्टर इकाई लगी हुई है। इन दूरबीनों की सहायता से न्यूट्रॉन तारों और विशालकाय ब्लैक होल से ध्रुवीकृत एक्स-रे देखे जा सकते हैं। ध्रुवीकरण, जो प्रकाश का एक गुणधर्म है, में उस वातावरण का सूत्र मौजूद होता है जिससे प्रकाश उत्पन्न होता है। इन एक्स-रे के ध्रुवीकरण को मापकर रोशनी के स्रोत, और प्रकाश स्रोत की ज्यामिति तथा आन्तरिक प्रक्रिया का अध्ययन किया जा सकता है। यह नई वेधशाला अन्य एक्स-रे दूरबीनों, जैसे चन्द्र एक्स-रे ऑब्जर्वेटरी, नासा के प्रमुख एक्स-रे टेलिस्कोप, और द यूरोपियन स्पेस एजेन्सी के एक्स-रे मल्टी-मिरर मिशन-न्यूटन (एक्सएमएम-न्यूटन) ऑब्जर्वेटरी, की सहायता करेगी।

आईएक्सपीई के कार्यों में, ओएसओ-8 के बाहर दो परिमाण कोटियों द्वारा एक्स-रे पोलरिमीटर पर ध्रुवीकरण संवेदनशीलता को बेहतर बनाना; एक साथ वर्णक्रमीय, स्थानिक और लौकिक माप प्रदान करना; न्यूक्लाई गैलेक्टिक एक्टिव (कुछ हद तक कम सक्रिय सुपरमैसिव ब्लैक होल वाली मंदाकिनी को एक सक्रिय मंदाकिनी कहा जाता है और इसके ब्लैक होल को एक एक्टिव गैलेक्टिक न्यूक्लाई कहा जाता है) की ज्यामिति और उत्सर्जन तंत्र का निर्धारण करना; मैग्नेटर्स (न्यूट्रॉन तारे) में चुम्बकीय क्षेत्र के संरूपण का पता लगाना और क्षेत्र के परिमाण का निर्धारण करना; पृथक एवं अभिवृद्ध (एक्रीटिंग) पल्सार (पल्सार या स्पंदमान तारा एक अत्यधिक चुम्बकित घूर्णन न्यूट्रॉन तारा होता है), और ज्यामिति दोनों में एक्स-रे उत्पादन के लिए तंत्र का पता लगाना; और यह निर्धारित करना कि पल्सार-विण्ड नेबुला [इसका निर्माण तब होता है जब पल्सार की हवा या तो सुपरनोवा इजेक्टा या इण्टरस्लेटर (अंतरतारकीय) माध्यम के साथ संपर्क करती है।] में कणों को किस प्रकार से तेज किया जाता है।

इमेजिंग एक्स-रे पोलरिमेट्री एक्सप्लोरर, न्यूट्रॉन तारों और पल्सर विण्ड नेबुला सहित तारकीय और सुपरमैसिव ब्लैक होल जैसी वस्तुओं में एक्स-रे उत्पादन की समझ में अन्तर्दृष्टि प्रदान करने के लिए खगोल भौतिक स्रोतों से प्रकाश की ध्रुवीकरणीय स्थिति का दोहन करता है, जिससे ब्रह्माण्ड की कार्यप्रणाली को लेकर हमारे परीक्षणों तथा सिद्धान्तों को सटीक बनाने में मदद मिलेगी।

© Spectrum Books Pvt. Ltd.

error: Content is protected !!

Pin It on Pinterest

Share This