23 मई, 2023 को जर्मनी में आयोजित 61वें अंतरराष्ट्रीय सुपरकंप्यूटिंग सम्मेलन (आईएससी 2023) में 500 प्रमुख वैश्विक सुपरकंप्यूटिंग सूची की घोषणा की गई, जिसके तहत पुणे के सी-डैक (प्रगत संगणन विकास केंद्र) में स्थापित कृत्रिम बुद्धि (एआई) सुपरकंप्यूटर ‘ऐरावत’ (AIRAWAT—एआई रिसर्च, एनालिटिक्स एंड नॉलेज एसिमिलेशन) को वैश्विक वरीयता क्रम में 75वां स्थान दिया गया और इस प्रकार भारत विश्व के शीर्ष सुपरकंप्यूटिंग लीग में शामिल हो गया। ‘ऐरावत’ को भारत सरकार के एआई पर राष्ट्रीय कार्यक्रम (एनपीएआई) के हिस्से के रूप में परिनियोजित किया गया है। उल्लेखनीय है कि आईसीएस, वर्ष 1987 से उच्च प्रदर्शन करने वाले कंप्यूटिंग सिस्टम संबंधी अनुसंधान परिणामों को प्रस्तुत करने वाला एक अंतरराष्ट्रीय मंच है, जो प्रतिवर्ष विश्व के 500 शक्तिशाली सुपरकंप्यूटरों की सूची जारी करता है।
आईएससी द्वारा जारी इस नवीनतम सूची के अनुसार, अमेरिका के टेनेन्सी में स्थित ओक रिज नेशनल लैब्रटोरी में परिनियोजित फ्रन्टियर नामक सुपरकंप्यूटर विश्व का सबसे शक्तिशाली सुपरकंप्यूटर है। सूची में इसके बाद क्रमशः जापान का सुपरकंप्यूटर फुगाकु दूसरे; फिनलैंड का लूमी तीसरे; इटली का लिओनार्डो चौथे; यूनाइटेड स्टेट्स का समिट पांचवें तथा सिएरा छठे; चीन का सनवे ताइहुलाइट (Sunway TaihuLight) सातवें; यूनाइटेड स्टेट्स का पर्लमुटर आठवें तथा सेलेन नौवें; और चीन का तियान्हे-2A नामक सुपरकंप्यूटर दसवें स्थान पर है। इससे पहले जून 2020 से नवंबर 2021 तक जापान का फुगाकु नामक सुपरकंप्यूटर 442 पेटाफ्लॉप के उच्च मानदंड के साथ विश्व का सर्वश्रेष्ठ सुपरकंप्यूटर था।
सूची में कुल 150 सुपरकंप्यूटरों के साथ अमेरिका पहले तथा कुल 134 सुपरकंप्यूटरों के साथ चीन दूसरे स्थान पर है। भारत, 4 सुपरकंप्यूटरों के साथ सूची में 18वें स्थान पर है।
इलेट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय का उद्देश्य एआई संगणन (कंप्यूटिंग) की मौजूदा आवश्कताओं को पूरा करने के लिए ऐरावत की संगणन क्षमता को 1,000 एआई पेटाफ्लॉप्स (प्रति सेकंड दस से पंद्रहवें चल-बिंदु अर्थात फ्लोटिंग प्वाइंट, प्रचालन की शक्ति) तक बढ़ाना है। ऐरावत के परिनियोजन से भारत के शैक्षणिक संस्थानों, अनुसंधान प्रयोगशालाओं, अनुसंधान समुदायों, उद्योग और स्टार्टअप द्वारा स्वदेशी कृत्रिम बुद्धि (एआई) सक्षम उत्पाद और समाधान विकास का मार्ग प्रशस्त होगा।
200 एआई पेटाफ्लॉप्स वाला ऐरावत, 210 एआई पेटाफ्लॉप्स वाले परम सिद्धि नामक एआई सुपरकंप्यूटर के साथ एकीकृत होकर 410 एआई पेटाफ्लॉप्स की मिश्रित परिशुद्धता (प्रिसिजन) की कुल शीर्ष गणना (पीओसी) और 8.5 पेटाफ्लॉप्स (आरमैक्स) के दोगुने प्रिसिजन की निरंतर गणना क्षमता प्रदान करता है। इसकी अधिकतम गणना क्षमता (दोगुना प्रिसिजन, Rpeak) 13 पेटाफ्लॉप्स है।
सुपरकंप्यूटर
सुपरकंप्यूटर एक उच्च-प्रदर्शन एवं उच्च क्षमता वाला कंप्यूटर है जो बड़ी संख्या में डेटा संसाधित करने और विद्युत की गति से जटिल गणना करने में सक्षम होता है। इसका उपयोग तब किया जाता है जब बहुत अधिक प्रसंस्करण क्षमता की आवश्यकता होती है। पेटाफ्लॉप्स, सुपर कंप्यूटर के प्रक्ररण प्रदर्शन के लिए माप की मानक इकाई और एक विशिष्ट प्रदर्शन मीट्रिक कंप्यूटर की प्रति सेकंड चल-बिंदु प्रचालन की संख्या है।
भारत में सुपरकंप्यूटर
भारत के अनुसंधान एवं कौशल क्षमता में वृद्धि हेतु 2015 में नेशनल सुपरकंप्यूटिंग मिशन (एनएसएम) की स्थापना की गई थी। इसका उद्देश्य सुपरकंप्यूटर नेटवर्क के विकास के लिए नेशनल नॉलेज नेटवर्क (एनकेएन) का उपयोग कर विभिन्न अनुसंधान संस्थानों को परस्पर जोड़ना था। विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय तथा इलेक्ट्रॉनिक और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय संयुक्त रूप से नेशनल सुपरकंप्यूटिंग मिशन का संचालन कर रहे हैं।
परम 8000 भारत का पहला सुपरकंप्यूटर था। इसके अलावा, भारत में परम शिवाय, परम शक्ति, परम ब्रह्मा, परम युक्ति और परम संगणक नामक सुपरकंप्यूटर भी विकसित किए गए हैं। एचपीसी-एआई सुपरकंप्यूटर परम सिद्धि को 2020 में विश्व के 500 सबसे शक्तिशाली सुपरकंप्यूटर सिस्टम में 62वां स्थान प्रदान किया गया था।
एनएसएम के पहले चरण के तहत परम शिवाय को आईआईटी (बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी, वाराणसी), परम ब्रह्मा को इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ साइंस, एजुकेशन एंड रिसर्च, पुणे और परम शक्ति को आईआईटी, खड़गपुर में तीन सुपरकंप्यूटर स्थापित किया गया था। इनमें से परम शिवाय, देश का पहला स्वदेशी रूप से विकसित सुपरकंप्यूटर था।
एनएसएम के तहत अप्रैल 2022 तक देश में 22 पेटाफ्लॉप (पीएफ) की कंप्यूटिंग क्षमता के कुल 15 सुपरकंप्यूटर भारत के विभिन्न प्रमुख संस्थानों में स्थापित किए जा चुके हैं, जिनमें आईआईटी, एनआईटी, और आईआईएसईआर शामिल हैं। भारत ने स्वदेशी सर्वर (रुद्र) विकसित किया है, जो सभी एवं सरकारी उपक्रमों की आवश्यकताओं को पूरा कर सकता है।
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