8 जनवरी, 2018 को भारत के सबसे तीव्र चलने वाले सुपरकम्प्यूटर ‘प्रत्युष’ का भारतीय उष्णप्रदेशीय मौसम विज्ञान संस्थान पुणे में उद्घाटन किया गया। इस सुपरकम्प्यूटर द्वारा भारत सरकार के पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के अंतर्गत मौसम तथा जलवायु की भविष्यवाणी और उससे जुड़ी सेवाएं दी जाएंगी। सुपरकम्प्यूटर ‘प्रत्युष’ का शाब्दिक अर्थ सूर्य है। यह कम्प्यूटर उच्च दक्षता कम्प्यूटिंग (एचपीसी) के हैं, जिनकी क्षमता वाला 6.8 पेटाफ्लॉप है और यह कई अरब गणनाएं 1 सेकंड में कर सकता है। प्रत्युष भारत का सर्वश्रेष्ठ उच्च कंप्यूटिंग निष्पादन क्षमता उपलब्ध कराता है। भारत प्रत्युष के कारण ब्रिटेन, जापान तथा अमेरिका के बाद मौसम तथा जलवायु की निगरानी जैसे काम के लिए एचपीसी क्षमता वाला चौथा प्रमुख देश बन गया है। प्रत्युष के आने के बाद भारत ने कोरिया (4.8 पेटाफ्लॉप) फ्रांस (4.4 पेटाफ्लॉप) तथा चीन (2.6 पेटाफ्लॉप) को पीछे छोड़ दिया है। इससे पहले भारत एक पेटाफ्लॉप की क्षमता के साथ आठवें स्थान पर मौजूद था। पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के अंतर्गत प्रत्युष सुपरकम्प्यूटर दो संस्थानों को दिया जाएगा। पहला सुपरकम्प्यूटर जिसकी निष्पादन क्षमता 4 पेटाफ्लॉप है, भारतीय उष्ण देशीय मौसम विज्ञान संस्थान पुणे तथा दूसरा सुपरकम्प्यूटर 2.8 पेटाफ्लॉप क्षमता के साथ राष्ट्रीय मध्यम श्रेणी मौसम पूर्वानुमान केंद्र, नोएडा में स्थापित किया जाएगा। पिछले दस वर्षों में भारत की एचपीसी की क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। वर्ष 2008 में यह 40 टेराफ्लॉप थी, जो बढ़कर वर्ष 2013-14 में एक पेटाफ्लॉप हुई। अब यह क्षमता 6.8 पेटाफ्लॉप हो गई है। भारत की यह क्षमता विकसित होने से मौसम, जलवायु एवं महासागरों पर केंद्रित भारतीय उष्णदेशीय मौसम विज्ञान संस्थान द्वारा दी जा रही सेवाओं में सुधार हो सकेगा। सुपरकम्प्यूटर प्रत्युष की सहायता से भारतीय मौसम विभाग प्राकृतिक आपदाओं जैसी मौसमी घटनाओं के बारे में सटीक पूर्वानुमान आसानी से लगा पाएगा तथा समुद्री तूफानों का पूर्वानुमान भी लगाया जा सकेगा। प्रत्युष की कंप्यूटिंग क्षमता का लाभ अन्य संस्थानों को भी प्राप्त होगा। इस तंत्रा की सहायता से पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के राष्ट्रीय महासागर सूचना सेवा केंद्र के अंतर्गत काम करने वाले सुनामी चेतावनी केंद्र द्वारा की जाने वाली सुनामी से जुड़ी भविष्यवाणी में सुधार हो सकेगा।

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