डब्ल्यूएचओ द्वारा रिजॉल्व टू सेव लाइव्स (आरटीएसएल) के सहयोग से काउंटडाउन टू 2023: डब्ल्यूएचओ रिपोर्ट ऑन ग्लोबल ट्रांस-फैट इलिमिनेशन 2022 नामक रिपोर्ट प्रकाशित की गई, जिसका लक्ष्य 2023 में ट्रांस वसा उन्मूलन की दिशा में प्रगति की निगरानी करना है। यह रिपोर्ट डब्ल्यूएचओ द्वारा प्रकाशित एक वार्षिक स्थिति रिपोर्ट है। डब्ल्यूएचओ ने पहली बार 2018 में औद्योगिक रूप से उत्पादित ट्रांस वसा के वैश्विक उन्मूलन का आह्वान किया था। इस चौथी वार्षिक रिपोर्ट में अक्टूबर 2021–सितंबर 2022 तक की उपलब्धियों पर प्रकाश डाला गया है। रिपोर्ट के अनुसार, विश्व में पांच बिलियन से अधिक लोगों के खाद्य पदार्थों में अभी भी हानिकारक ट्रांस वसा अम्ल या ट्रांस फैटी एसिड्स (टीएफए) शामिल हैं, जिससे उनके हृदय रोग से ग्रसित होने और मृत्यु का खतरा बढ़ जाता है। वैश्विक स्तर पर टीएफए के सेवन को प्रतिवर्ष 5 लाख से अधिक मौतों के लिए उत्तरदायी ठहराया जाता है। औद्योगिक रूप से उत्पादित टीएफए का उपयोग कम करने से गैर-संचारी रोगों से होने वाली असामयिक मृत्यु को कम करने में मदद मिलेगी जो संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्य (एसडीजी) के स्वास्थ्य लक्ष्य (3.4) के अनुरूप है। इसके अलावा, रिपोर्ट में आने वाले समय में कार्रवाई के लिए उत्पन्न होने वाली चुनौतियों एवं अवसरों पर चर्चा की गई है; राष्ट्रीय स्तर पर टीएफए के उन्मूलन के लिए सकारात्मक उपायों तथा बाधाओं पर प्रकाश डाला गया है; और 2023 के लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए अगले 12 महीनों के लिए रणनीतिक प्राथमिकताओं की अनुशंसा की गई है।


ट्रांस फैटी एसिड्स या टीएफए वे असंतृप्त वसा अम्ल (कार्बनिक एलिफैटिक अम्ल जिसमें प्रायः सीधी शृंखलाएं और समसंख्यक कार्बन अणु होते हैं।) होते हैं जिनमें द्विबंध के विपरीत तरफ (ट्रांस कन्फिगरेशन) हाइड्रोजन के साथ कम से कम कार्बन का एक दोहरा आबंध होता है। औद्योगिक रूप से वनस्पति और मछली के तेल के आंशिक हाइड्रोजनीकरण द्वारा टीएफए का उत्पादन किया जा सकता है, लेकिन यह पशुओं, भेड़, बकरियों और ऊंटों जैसे जुगाली करने वाले जानवरों से प्राप्त मांस और डेयरी उत्पादों में भी प्राकृतिक रूप से कम स्तर में मौजूद होता है।


रिपोर्ट के अनुसार, अनिवार्य टीएफए नीतियां वर्तमान में 60 देशों में 3.4 बिलियन लोगों (विश्व जनसंख्या का 43 प्रतिशत) के लिए प्रभावी हैं; इनमें से 43 देशों में, जिनमें भारत भी शामिल है, सर्वोत्तम-अभ्यास टीएफए नीति (Best-practice TFA policy) लागू की गई है, जो 2.8 बिलियन लोगों (विश्व जनसंख्या का 36 प्रतिशत) को सुरक्षा प्रदान करती है। वर्ष 2022 तक डब्ल्यूएचओ से संबद्ध 146 सदस्य राष्ट्रों ने सर्वोत्तम-अभ्यास नीति को न तो पारित किया है और न ही अपनाया है। अनिवार्य टीएफए नीतियां 62 देशों में प्रभावी या पारित की गई हैं, जिसमें 3.6 बिलियन लोग (वैश्विक जनसंख्या का 46 प्रतिशत) शामिल हैं।

वैश्विक स्तर पर 2023 के लक्ष्यों की निगरानी हेतु एक लाइव पॉलिसी ट्रैकिंग मैप—टीएफए कंट्री स्कोर कार्ड—स्थापित किया गया है। टीएफए उन्मूलन के लिए कितने देशों ने डब्ल्यूएचओ की सर्वोत्तम-अभ्यास नीति को अपनाया है, इसका ब्यौरा (डेटा) डब्ल्यूएचओ की ट्रिपल बिलियन पहल में प्रगति के संकेतकों में से एक के रूप में शामिल किया गया है।


सर्वोत्तम-अभ्यास टीएफए नीति विधायी या नियामक उपाय को संदर्भित करती है, जो खाद्य पदार्थों में औद्योगिक रूप से उत्पादित टीएफए को सभी स्थितियों में सीमित करते हैं और अनुशंसित दृष्टिकोण के अनुरूप हैं। टीएफए उन्मूलन के लिए दो सर्वोत्तम-अभ्यास नीतियां हैं: (i) सभी खाद्य पदार्थों में प्रयुक्त कुल वसा के प्रति 100 ग्राम में औद्योगिक रूप से उत्पादित टीएफए की मात्रा की अनिवार्य राष्ट्रीय सीमा 2 ग्राम तक करना; और (ii) सभी खाद्य पदार्थों में एक संघटक के रूप में पीएचओ (आंशिक रूप से हाइड्रोजनीकृत तेल) के उत्पादन या उपयोग पर अनिवार्य रूप से राष्ट्रीय प्रतिबंध लगाना।


डब्ल्यूएचओ द्वारा 2018 में शुरू किया गया REPLACE (Review, Promote, Legislate, Assess, Create awareness, Enforce) एक्शन पैकेज 2023 तक टीएफए के वैश्विक उन्मूलन के लक्ष्य के साथ राष्ट्रीय खाद्य आपूर्ति से औद्योगिक रूप से उत्पादित ट्रांस वसा को खत्म करने के लिए एक रणनीतिक दृष्टिकोण प्रदान करता है। ट्रांस वसा का बढ़ता हुआ सेवन (कुल ऊर्जा सेवन का >1%) कोरोनरी हृदय रोग, मृत्यु दर और ऐसी घटनाओं के बढ़ते जोखिम से संबद्ध है। विश्व स्तर पर, 2010 में 5,00,000 से अधिक मौतों के लिए टीएफए के बढ़ते सेवन को जिम्मेदार ठहराया गया था। इस पैकेज का एक व्यापक तकनीकी दस्तावेज है जो कार्यान्वयन की सुविधा के लिए छह मॉड्यूल और अतिरिक्त वेब संसाधनों के साथ-साथ ट्रांस वसा उन्मूलन के इस एकीकृत दृष्टिकोण के लिए एक तार्किक रूपरेखा प्रदान करता है। REPLACE कार्यान्वयन के छह क्षेत्रों में—आवश्यक नीति परिवर्तन के लिए औद्योगिक रूप से उत्पादित ट्रांस वसा और परिदृश्य के आहार स्रोतों की समीक्षा (Review) करना; स्वस्थ वसा और तेलों के साथ औद्योगिक रूप से उत्पादित ट्रांस वसा के प्रतिस्थापन को बढ़ावा (Promote) देना; औद्योगिक रूप से उत्पादित ट्रांस वसा को खत्म करने के लिए विधायी या विनियामक कार्रवाई (Legislate) करना; खाद्य आपूर्ति में ट्रांस वसा सामग्री का आकलन (Assess) और निगरानी तथा जनसंख्या में ट्रांस वसा की खपत में बदलाव लाना; नीति-निर्माताओं, उत्पादकों, आपूर्तिकर्ताओं और लोगों के बीच ट्रांस वसा के नकारात्मक स्वास्थ्य प्रभाव के बारे में जागरूकता फैलाना (Create awareness); तथा नीतियों और विनियमों के अनुपालन को लागू (Enforce) करना—शामिल हैं।

डब्ल्यूएचओ के REPLACE एक्शन पैकेज के अनुसार, विभिन्न देशों में टीएफए सेवन संबंधी डेटा की पर्याप्त जानकारी उपलब्ध नहीं है। विगत दशक में टीएफए सेवन में कमी आई है तथा टीएफए का औसत सेवन सापेक्षिक रूप से कम है। हालांकि, विभिन्न सामाजिक-आर्थिक समूहों में इसके सेवन में असामानता मौजूद है। उदाहरण के लिए उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, चीन में कुल ऊर्जा अंतर्ग्रहण में टीएफए की मात्रा 0.3 प्रतिशत थी तो वहीं इरान में यह 4.2 प्रतिशत थी। ग्लोबल बर्डन ऑफ डिजीज के अध्ययन के अनुसार, वैश्विक स्तर पर कुल ऊर्जा अंतर्ग्रहण में टीएफए सेवन का स्तर 0.2 से 6.5 प्रतिशत के बीच है।

डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक के अनुसार, “अभी तक ट्रांस वसा का कोई लाभ ज्ञात नहीं है, और इसके बड़े स्वास्थ्य जोखिम हैं जो स्वास्थ्य व्यवस्था के लिए भारी लागत का कारण बनते हैं”। रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है कि पिछले एक वर्ष में, कई देशों ने औद्योगिक रूप से उत्पादित टीएफए के उन्मूलन के लिए कार्रवाई की है। हालांकि, सितंबर 2022 तक अधिकांश ट्रांस वसा उन्मूलन नीतियों को उच्च आय वाले देशों (ज्यादातर अमेरिका और यूरोप में) में लागू किया गया है; साथ ही, अर्जेंटीना, बांग्लादेश, भारत, पैराग्वे, फिलीपींस और यूक्रेन सहित मध्य-आय वाले देश भी इन नीतियों को लागू कर रहे हैं या अपना रहे हैं। उदाहरणार्थ, सर्वोत्तम-अभ्यास टीएफए नीतियां भारत में जनवरी 2022, उरुग्वे में मई 2022 और ओमान में जुलाई 2022 से लागू की गई हैं। बांग्लादेश में नवंबर 2021 में (दिसंबर 2022 से लागू करने के लिए) और सितंबर 2020 में यूक्रेन में (अक्टूबर 2023 से लागू करने के लिए) सर्वोत्तम-अभ्यास टीएफए नीतियां पारित की गईं। सर्वोत्तम-अभ्यास टीएफए नीतियां जल्द ही मेक्सिको, नाइजीरिया और श्रीलंका में पारित होनी अपेक्षित हैं। यदि नाइजीरिया में यह नीति पारित हो जाती है, तो यह अफ्रीका का दूसरा और सबसे अधिक आबादी वाला देश होगा जो एक सर्वोत्तम-अभ्यास टीएफए उन्मूलन नीति लागू करेगा। कम आय वाले किसी भी देश ने अभी तक ट्रांस वसा को खत्म करने के लिए सर्वोत्तम-अभ्यास नीति नहीं अपनाई है।

डेनमार्क, 2004 में विधान द्वारा खाद्य पदार्थों में औद्योगिक रूप से उत्पादित टीएफए की मात्रा निर्धारित करने वाला पहला देश था। इसने बाजार में उपलब्ध सभी खाद्य पदार्थों सहित, आयातित एवं रेस्तरां में मिलने वाले भोजन में प्रयुक्त कुल वसा की 2 प्रतिशत मात्रा के बराबर टीएफए का प्रयोग करने की अनुमति दी थी।

रिपोर्ट के अनुसार, 2022 में ट्रांस वसा के सेवन के कारण कोरोनरी हृदय रोग से होने वाली मौतों के उच्चतम अनुमानित अनुपात वाले 16 में से 9 देशों—ऑस्ट्रेलिया, अजरबैजान, भूटान, इक्वाडोर, मिस्र, ईरान (इस्लामी गणराज्य), नेपाल, पाकिस्तान और कोरिया गणराज्य—में सर्वोत्तम अभ्यास नीति लागू नहीं है।


टीएफए संबंधी डब्ल्यूएचओ की अनुशंसाएं

  • किसी खाद्य पदार्थ में टीएफए की मात्रा को उसके कुल ऊर्जा अंतर्ग्रहण के प्रतिशत से कम रखा जाना चाहिए जो एक 2,000 कैलोरी वाले आहार में 2 ग्राम/प्रतिदिन से कम मात्रा को निर्दिष्ट करता है।
  • टीएफए को सीमित या पीएचओ को प्रतिबंधित करने के लिए सर्वोत्तम-अभ्यास नीति को विकसित एवं क्रियान्वित करना चाहिए।
  • खाद्य सामग्री में टीएफए सामग्री को मापने हेतु प्रयोगशाला क्षमता—जैसे निगरानी एवं नियंत्रण तंत्र—में निवेश करना चाहिए।
  • तेल एवं वसा के स्वस्थ प्रतिस्थापन और देश विशिष्ट वैकल्पिक तकनीकों पर चर्चा शुरू करनी चाहिए, तथा एक प्रतिस्थापन कार्ययोजना विकसित करनी चाहिए।
  • क्षेत्रीय एवं उप-क्षेत्रीय (जैसे ईएसी, जीसीसी) का समर्थन करना चाहिए, ताकि टीएफए नीतियों के लाभों को विस्तारित किया जा सके।

टीएफए का विकासक्रम

आंशिक रूप से हाइड्रोनीकृत तेलों (पीएचओ) की खोज के साथ औद्योगिक रूप से उत्पादित टीएफए को पहली बार 19वीं सदी के अंत और 20वीं सदी की शुरुआत में खाद्य आपूर्ति शृंखला में प्रस्तुत किया गया था। ये तेल अकसर पके हुए और तले हुए खाद्य पदार्थों, तैयार या पहले से पैक किए गए स्नैक्स और भोजन, और खाना पकाने के तेल में पाए जाते हैं। इन्हें मक्खन जैसे पशु वसा के प्रतिस्थापन के रूप में विकसित किया गया था, लेकिन इनका उपयोग खाद्य पदार्थों और तेलों की प्रयोग अवधि को बढ़ाने के लिए उनकी ऑक्सीकरण क्षमता को कम करने के साथ-साथ बनावट को बदलने के लिए भी किया जाता है, क्योंकि इनकी लागत पशु वसा की तुलना में कम होती है। आंशिक रूप से हाइड्रोजनीकृत तेल 1950-1970 के दशक में संतृप्त वसा अम्ल (एसएफए) के नकारात्मक स्वास्थ्य प्रभावों की खोज के साथ अधिक लोकप्रिय हो गए। हालांकि, 20वीं शताब्दी के अंत तक, टीएफए के नकारात्मक चयापचय प्रभावों के साथ-साथ टीएफए सेवन और कोरोनरी (परिहृद) हृदय रोग (सीएचडी) के बीच के संबंधों पर विभिन्न अध्ययनों से खाद्य पदार्थों में टीएफए के प्रयोग से होने वाले नुकसान संबंधी व्यापक साक्ष्य प्राप्त हुए।

 

© Spectrum Books Pvt Ltd.

error: Content is protected !!

Pin It on Pinterest

Share This