भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान खड़गपुर (आईआईटी-केजीपी) के वैज्ञानिकों ने मुंह के कैंसर का पता लगाने के लिए एक ब्लड परफ्यूजन इमेजर विकसित किया है, जो कि पोर्टेबल (वहनीय), उपयोगकर्ता के अनुकूल, सस्ता और चीरफाड़ रहित (नॉन-इन्वेसिव) उपकरण है। इस खोज के निष्कर्ष 4 जनवरी, 2022 को अमेरिका के प्रोसीडिंग्स ऑफ द नेशनल अकेडमी ऑफ साइंसिज (पीएनएएस) नामक जर्नल में पोर्टेबल, हैण्डहेल्ड, एण्ड एफोर्डेबल ब्लड परफ्यूजन इमेजर फॉर स्क्रीनिंग ऑफ सबसर्फेस कैंसर इन रिसोर्स-लिमिडेट सेटिंग्स शीर्षक से प्रकाशित किए गए थे। यह थर्मल इमेजिंग (ऊष्म बिम्ब) और विश्लेषण से ऊतक के रक्त प्रवाह दर में मापे गए परिवर्तन के आधार पर मुंह के कैंसर और प्रीकैंसर (प्रीकैंसर से तात्पर्य, कोशिकाओं में कैंसर बनने से पहले होने वाले परिवर्तनों से है।) की जांच करने के लिए कम लागत वाला इमेजिंग डिवाइस है।


ब्लड परफ्यूजन (रक्त द्रवनिवेशन), ऊतक की निश्चित सीमा द्वारा रक्त की मात्रा प्रवाह दर के रूप में एक महत्वपूर्ण मात्रात्मक अनुक्रमणिका है, जो ऊतक मैट्रिक्स में कोशिका (केपिलरी) तंत्र तथा बाह्य रिक्त स्थान में दैहिक परिघटना को दर्शाती है और ऊतक के स्वास्थ्य एवं रोगों से सम्बन्धित निर्णायक आकलन का निर्धारण करती है।


कोलकाता स्थित गुरु नानक इंस्टिट्यूट ऑफ डेण्टल साइंसेज एण्ड रिसर्च के विशेषज्ञों ने ब्लड परफ्यूजन इमेजर का नैदानिक परीक्षण किया और अपनी ‘हाई स्टैण्डर्ड बायोप्सी रिपोर्ट्स’ (उच्च मानक बायोप्सी रिपोर्ट) के माध्यम से ‘सस्पेक्टिड ओरल एबनॉर्मैलिटीज’ (सन्दिग्ध मौखिक असमान्यताएं) के कैंसर और कैंसर पूर्व के चरणों को अलग करने की इस उपकरण की प्रभावोत्पादकता सत्यापित की।

उपकरण के घटकः इस ब्लड परफ्यूजन इमेजर में एक अतिसूक्ष्म फार-इन्फ्रारेड (एफआईआर) कैमरा एवं ह्यूमिडिटी (आर्द्रता) सेंसर लगे हुए हैं जो इलेक्ट्रॉनिक विधि से नियन्त्रित किए जाते हैं, और भौतिक-आधारित एवं डेटा-संचालित सॉफ्टवेयर इंजन का प्रयोग कर परस्पर संयोजित किए गए हैं।

महत्वः मुख कोटर (ओरल कैविटी) का कैंसर सामाजिक रूप से अक्षम और वंचित समुदायों में रुग्णता और मृत्यु दर के प्रमुख कारणों में से एक है। कैंसर होने के बाद यदि प्रारम्भिक चरण में जल्द उपचार किया जाए तो मरीज के न्यूनतम 5 वर्षों तक जीवित रहने की 80 प्रतिशत सम्भावना होती है। इस सन्दर्भ में अधस्तल कैंसर जांच की मौजूदा प्रक्रियाएं या तो निषेधात्मक रूप से संसाधन गहन एवं महंगी हैं या मरीजों के बीच भिन्नता और अतिव्यापी नैदानिक प्रदर्शनों को समायोजित करने वाले सटीक वर्गीकरण के लिए प्रासंगिक दैहिक मानदण्डों के प्रत्यक्ष मात्रात्मक अनुमान प्रदान करने में समर्थ नहीं हैं। जबकि ब्लड परफ्यूजन इमेजर मशीन-लर्निंग आधारित वर्गीकरण द्वारा संवर्धित डेटा में कोई अवांछित परिवर्तन किए बिना शरीर के असीमित भाग पर ऊतक (टिश्यू) में रक्त परिसंचरण कर और सटीक मात्रात्मक अनुमान द्वारा मुंह के कैंसर की खोज करता है।

इस प्रकार ब्लड परफ्यूजन इमेजर की सरल जांच प्रणाली द्वारा सामुदायिक स्तर पर मुख कैंसर की जांच कर उसका निदान उपलब्ध करवाया जा सकता है जैसाकि वाणिज्यिक रूप से उपलब्ध इमेजर उपकरण सामान्यतया बहुत महंगे होते हैं।

उपयोगिताः इस शोध के वैज्ञानिकों में से एक और आईआईटी खड़गपुर में मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग के प्रोफेसर सुमन चक्रवर्ती के अनुसार, ‘‘उपकरण द्वारा छवि लेने के 5 से 10 मिनट बाद जांच के परिणाम प्राप्त होते हैं। इस उपकरण की प्रति इकाई अनुमानित लागत 500 यूएस डॉलर (लगभग 37,000 रुपये) है। ओसीटी (ऑप्टिकल कोहेरेंस टोमोग्राफी) मशीन का न्यूनतम मूल्य 35,000 यूएस डॉलर (लगभग 26 लाख रुपये) है, जबकि सीटी स्कैन, एमआरआई आदि उल्लेखनीय रूप से काफी महंगे होते हैं।’’ किफायती एवं प्रभावी जांच परिणाम जैसी विशेषताओं के कारण इस उपकरण के उपयोगी होने की सम्भावना है।

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