जनवरी 2021 में, तमिलनाडु के कोयबंटूर जिले में फल मक्खी की एक नई प्रजाति—यूफ्रांटा लोएव (Euphrata Loew) का नाम पश्चिमी घाट के पारिस्थितिक हॉटस्पॉट सिरुवानी के नाम पर रखा गया, यह मक्खी टैफिटिडे (Tephritidae) परिवार से संबंधित है। फल मक्खी की इस नई प्रजाति की खोज अक्टूबर 2020 में की गई थी।

शोधकर्ताओं ने सिरुवानी के पास एक गैर-वन क्षेत्र में मक्खी की इस प्रजाति की पहचान की थी। पंखों पर ‘V’ (वी) आकार के काले बैंड तथा काली पट्टी से जुड़े हुए प्रमुख उप-बैंड के कारण यह फल मक्खी यूफ्रांटा की अन्य प्रजातियों से भिन्न है। यह मक्खी फलों में अंडे देती है तथा इसके लार्वा फल के भीतर गूदे से पोषण प्राप्त करते हैं। वर्तमान में यूफ्रांटा वंश की 104 ज्ञात प्रजातियां विश्व भर में फैली हुई हैं, जिनमें से 14 प्रजातियां भारत में पाई जाती हैं। इस नई खोज के परिणामों को जूटैक्सा नामक जर्नल में प्रकाशित किया गया। वैज्ञानिकों के अनुसार, इस प्रजाति के जैविकी की पूरी पहचान किया जाना अभी बाकी है।

फेयरी फ्लाईः अन्नामलाई विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं द्वारा फल मक्खी के साथ-साथ सिरुवानी क्षेत्र में मक्खियों की एक नई प्रजाति, ‘फेयरी फ्लाई’ की भी खोज की गई है। इस शोध को अक्टूबर 2020 में थ्रेटेंड टैक्सा जर्नल में प्रकाशित किया गया। यह प्रजाति माइमेराइडे (Mymaridae) परिवार से संबंधित है और इसेअलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के प्रो. मोहम्मद हयात के नाम पर ‘ओम्योमाइमर हयाती’  नाम दिया गयाहै। यह फेयरीफ्लाई पतंगे जैसे वनस्पति संभरकों द्वारा दिए गए अंडों से पोषण प्राप्त करती है। परंतु अभी इसके जीवन चक्र को समझने के लिए व्यापक अध्ययन की आवश्यकता है।

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