भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी), कानपुर के भारतीय शोधकर्ताओं के एक समूह ने एक स्मार्ट करंट लिमिटर का एक प्रतिमान (प्रोटोटाइप) विकसित किया है, जो लघु परिपथ (शॉट सर्किट) और बड़े पैमाने पर शक्तिशाली विद्युत प्रवाहों (सर्ज करंट) से पावर ग्रिड को सुरक्षा प्रदान कर सकता है। इस स्वदेशी स्मार्ट प्रौद्योगिकी प्रणाली को स्मार्ट सुपरकंडक्टिंग फॉल्ट करंट लिमिटर (SFCLsm) कहा जाता है। SFCLsm या तो स्वचालित रूप से करंट को पैरलल शंट (अधिकतम करंट को बायपास करने के लिए बाहरी प्रतिरोध) में बदलकर अथवा विद्युत प्रवाह के मार्ग में उच्च प्रतिरोध विकसित करके आवेशित विद्युत प्रवाह में आए उछाल को सीमित कर शॉट सर्किट से पावर ग्रिड की सुरक्षा करेगा। यह न केवल बड़े सर्ज करंट और इसके परिणामस्वरूप लगने वाली आग की दुर्घटनाओं से ग्रिड का बचाव करेगा, बल्कि यह उसमें आने वाले उछाल को पहले से ही भांप सकेगा और सिस्टम को इसके बारे में चेतावनी दे सकेगा।
शॉट सर्किट अकसर पावर ग्रिड में होते हैं; इसके परिणामस्वरूप भारी सर्ज करंट उत्पन्न होता है जिससे पावर ग्रिड को नुकसान पहुंचता है, क्योंकि ग्रिड विद्युत धारा में आए भारी उछाल को संभाल नहीं सकता है। सर्ज करंट के कारण पावर ग्रिडों की क्षति से न केवल आर्थिक नुकसान होता है, बल्कि विद्युत आपूर्ति भी बाधित होती है। इसलिए, पावर ग्रिड को शॉट सर्किट, अचानक विद्युत की अधिक निकासी से या गिरती मांग के कारण उत्पन्न अतिरिक्त विद्युत द्वारा उत्पन्न विद्युत तरंगों में आए आवेश से सुरक्षित करने की आवश्यकता होती है।
इससे पहले, इस समस्या को परिपथ वियोजकों (सर्किट ब्रेकर) का प्रयोग करके नियंत्रित किया जाता था, जो किसी शक्तिशाली विद्युत प्रवाह के आवेशित होते ही उसे काट देते थे। सर्किट ब्रेकर, धीमी प्रतिक्रिया की सीमाओं और अतिरिक्त विद्युत प्रवाह के स्वचालित उत्क्रमण की कमी से प्रभावित थे। फिलहाल, सुपरकंडक्टर्स का उपयोग करते हुए एक फॉल्ट करंट लिमिटर टेक्नोलॉजी का उपयोग किया जा रहा है, मुख्य रूप से विकसित देशों में, जिसे सुपरकंडक्टिंग फॉल्ट करंट लिमिटर्स (SFCL) के रूप में जाना जाता है। यह तकनीक सुपरकंडक्टर्स के गुणधर्म पर आधारित है जो करंट के सीमा मान (थ्रेशोल्ड करंट वैल्यू) तक की धाराओं के प्रति शून्य प्रतिरोध दर्शाती है। हालांकि, SFCL का प्रचालन सिद्धांत सुपरकंडक्टर को करंट के संकटमय स्तर के बाद भी अतिरिक्त धाराओं के लिए उच्च प्रतिरोध प्रदान करने की अनुमति प्रदान करता है। हालांकि, SFCL प्रचालन में ऊर्जा-दक्ष होते हैं, लेकिन वे बहुत महंगे हैं और प्रत्येक SFCL की अनुमानित लागत 1 मिलियन यूरो (लगभग आठ करोड़ रुपये) है।
स्मार्ट सुपरकंडक्टिंग फॉल्ट करंट लिमिटर
आईआईटी, कानपुर के शोधकर्ता दल द्वारा विकसित स्मार्ट SFCL एक अनूठा नवोत्पाद है। इसमें एक सर्किट होता है जिसमें एक सुपरकंडक्टिंग पदार्थ में बुनियादी SFCL के आसपास हॉल सेंसर [एक प्रकार का सेंसर, जो हॉल प्रभाव (हॉल इफेक्ट) का उपयोग करके चुंबकीय क्षेत्र की उपस्थिति और परिमाण का पता लगाता है। हॉल सेंसर की निर्गम वोल्टता (आउटपुट वोल्टेज) स्पष्टतः क्षेत्र की शक्ति के समानुपाती होती है। इसका नाम अमेरिकी भौतिक विज्ञानी एडविन हॉल के नाम पर रखा गया है। हॉल सेंसर्स का उपयोग प्रॉक्सिमिटी सेंसिंग, पोजिशनिंग, स्पीड डिटेक्शन और करंट-सेंसिंग ऐप्लिकेशन के लिए किया जाता है।] की एक सरणी होती है। सर्किट एक स्विच के माध्यम से कम प्रतिरोध के शंट (पार्श्वपथ) के समानांतर में जुड़ा हुआ है। SFCLsm के चारों ओर रखी हॉल सेंसर की सरणी सुपरकंडक्टर के विभिन्न क्षेत्रों से विद्युत प्रवाह का निरंतर मापन और निगरानी करती है, साथ ही सुपरकंडक्टर के अंदर प्रवाहित होने वाली विद्युत धारा का प्रतिचित्र (मैप) बनाती है। सुपरकंडक्टिंग पदार्थ के दोष को सीमित करने के माध्यम से करंट की सटीक और निरंतर निगरानी स्वचालित कार्रवाई को ट्रिगर कर सकती है (उदाहरण के लिए, करंट को समानांतर शंट में बदलना और ग्रिड की सुरक्षा करना)।
SFCLsm इसके माध्यम से बहने वाले करंट के किसी भी पूर्व निर्धारित सीमा मान (थ्रेशोल्ड वैल्यू) पर फॉल्ट लिमिटिंग एक्शन की अनुमति प्रदान करता है। यह स्मार्ट फीचर पारंपरिक SFCL के विपरीत है, जिसमें फॉल्ट लिमिटिंग एक्शन केवल महत्वपूर्ण धारा मान (करंट वैल्यू) में सेट होती है। यद्यपि SFCLsm के उच्च धाराओं पर काम करने के बावजूद यदि सुपरकंडक्टर में किसी प्रकार की अस्थिरता है, तो मैपिंग तकनीक इसके विकास का पता लगाएगी। तत्पश्चात सुपरकंडक्टर के करंट को पथांतरित करने और SFCLsm की सुरक्षा के लिए सुधारात्मक कार्रवाई शुरू की जा सकती है।
SFCLsm का संचालन पूरी तरह से स्वचालित और स्वतंत्र है और इसके लिए शायद ही किसी मानवीय हस्तक्षेप की आवश्यकता है। सभी SFCLsm आंतरिक थर्मल अस्थिरता के प्रति अतिसंवेदनशील होते हैं। हालांकि, SFCLsm प्रोटोटाइप आंतरिक थर्मल अस्थिरता को भी समझ सकता है।
शोधकर्ता सुपरकंडक्टर्स और शंट के बीच करंट को मोड़ने (डायवर्ट) के लिए बड़े करंट ऑटोमैटिक कॉम्पैक्ट स्विच के साथ, SFCLsm को और अधिक कुशल बनाकर, इसे और बेहतर बनाने की दिशा में काम कर रहे हैं। जैसे ही SFCL के आसपास लगे स्मार्ट सेंसरों द्वारा इसका पता लगाया जाता है, यह दोषपूर्ण करंट को मोड़ने में मदद करेगा। शोधकर्ता महत्वपूर्ण विद्युत धाराओं से करंट के साथ उच्च तापमान में अतिचालक सामग्री विकसित करने के लक्ष्य की दिशा में भी काम कर रहे हैं। यह SFCL को उच्च धाराओं पर संचालित करने की अनुमति प्रदान करेगा। वे सेंसर सरणी संवेदनशीलता को और अधिक बढ़ाने के लिए उपयोग पर भी काम कर रहे हैं। यह समय-अंतराल में किसी सुपरकंडक्टर में विकसित होने वाली अस्थिरता के स्थान को निर्धारित करने के साथ ही उसके विकास का अध्ययन भी करेगा।
विकसित किए गए SFCLsm के अंतिम प्रोटोटाइम में पूर्वानुमान लगाने की क्षमता होगी। जब अतिचालक तत्व में अस्थिरता के गठन की दहलीज के करीब कोई विद्युत प्रवाह होता है, तो यह स्वचालित रूप से उसका पता लगा लेगा। इस स्थिति में, सिस्टम अपनी स्मार्टनेस विकसित करेगा और इसमें सेंसर होंगे जो प्रारंभिक निर्णय लेने के लिए सूचना प्रदान करेंगे।
यह नवोत्पाद निरंतर बिजली आपूर्ति में मदद करेगा और भारी मात्रा में धन की बचत करेगा क्योंकि यह तकनीक पहले की तकनीकों की तुलना में काफी किफायती है। शोधकर्ताओं द्वारा विकसित प्रोटोटाइप SFCLsm लागत में 50 से 60 प्रतिशत की कटौती करता है।
इस प्रौद्योगिकी को भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) के उन्नत विनिर्माण प्रौद्योगिकी कार्यक्रम (एएमटी-पी) के समर्थन से विकसित किया गया है। वर्तमान में, यह प्रौद्योगिकी को पूर्ण रूप से तैयार करने के स्तर के चौथे चरण में है और इसके लिए एक राष्ट्रीय पेटेंट के लिए भी आवेदन किया गया है। प्रमुख शोधकर्ता प्रोफेसर सत्यजीत एस. बनर्जी के अनुसार, इस नवाचार का भविष्य यह है कि इसे एसएफसीएल में वर्तमान अत्याधुनिक विकास प्रवृत्त किया जाए, ताकि उन्हें और अधिक शक्तिशाली बनाया जा सके। इसके बाद प्रोटोटाइप को बिजली क्षेत्र की किन्हीं भी बड़ी कंपनियों में शामिल किया जा सकता है जो पारंपरिक SFCL के साथ काम कर रही हैं।
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