लिक्विड फंड एक प्रकार के म्यूचुअल फंड होते हैं जिन्हें 91 दिनों तक की अवशिष्ट परिपक्वता अवधि के लिए प्रतिभूतियों में निवेश किया जाता है। इस निवेश योजना के तहत संपत्ति या धनराशि का निवेश लंबे समय के लिए नहीं किया जाता, क्योंकि लिक्विड फंड के लिए कोई निश्चित अवधि निर्धारित नहीं होती। लिक्विड फंड्स को 24 घंटों के भीतर व्यापार अवधि (आमतौर पर सोमवार से शुक्रवार सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक) पर विमोचित किया जा सकता है। डेब्ट फंड्स की श्रेणी में सभी प्रकार के फंड्स की तुलना में लिक्विड फंड में ब्याज का सबसे कम जोखिम रहता है, क्योंकि इन्हें ज्यादातर निश्चित आय वाली प्रतिभूतियों में निवेश किया जाता है जो जल्द ही परिपक्व हो जाती हैं।

लिक्विड फंड का उद्देश्य निवेशकों को पूंजी की उच्च तरलता तथा सुरक्षा प्रदान करना है। आंवटित अनुपात फंड का निवेश उद्देश्य के अनुसार किया जाता है। फंड प्रबंधक यह सुनिश्चित करेगा कि पोर्टफोलियो की औसत परिपक्वता अवधि तीन महीने है।

डेब्ट फंड्स के सभी वर्गों के बीच लिक्विड फंड में कम से कम जोखिम होता है। निवल आस्ति मूल्य (एनएवी—नेट एसेट वैल्यू) में अकसर उतार-चढ़ाव नहीं होता है क्योंकि अंतर्निहित परिसंपत्तियों की परिपक्वता अवधि 60 दिनों से 91 दिनों तक की होती है। हालांकि, एनएवी में अचानक गिरावट भी आ सकती है। सरल शब्दों में, लिक्विड फंड पूरी तरह से जोखिम मुक्त नहीं होते हैं, लेकिन म्यूचुअल फंड के अन्य वर्गों की तुलना में सबसे सुरक्षित होते हैं।

इसमें प्रतिफल की गारंटी नहीं दी जा सकती, क्योंकि फंड का प्रदर्शन, सावधि/मियादी जमा (फिक्स्ड डिपॉजिट) के विपरीत, बाजार पर निर्भर करता है। बेहतर प्रतिफल चाहने वाले निवेशक, सावधि/मियादी जमा के बदले लिक्विड फंड में निवेश करना पसंद करते हैं।

वित्तीय योजनाकार सामान्यतया निवेशकों को एक दिन से लेकर छह महीने तक की छोटी अवधि के लिए निवेश करने के लिए लिक्विड फंड का उपयोग करने का सुझाव देते हैं। कई इक्विटी निवेशक व्यवस्थित हस्तांतरण योजना (एसटीपी) का उपयोग कर म्यूचुअल फंडों में अपने निवेश के जोखिम को कम करने के लिए लिक्विड फंड का उपयोग करते हैं।

तीन वर्षों से अधिक के लिए निवेश की गई चल परिसंपत्तियों पर दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ दिया जाता है। यदि निवेशक तीन साल से पहले अपना लिक्विड फंड बेचते हैं, तो उन्हें अपने कर स्लैब के अनुसार कर का भुगतान करना होगा। यदि निवेशक, लाभांश का विकल्प चुनते हैं, तो उस फंड को 29.12 प्रतिशत के लाभांश वितरण कर के अंतर्गत रखा जाएगा।

सेबी द्वारा तरल एवं एक दिन वाले फंड के लिए जोखिम प्रबंधन ढांचे को मजबूत करने हेतु कुछ निर्णय लिए गए, जिनके अनुसार,

(i) लिक्विड फंड अपनी कुल परिसंपत्ति का कम से कम 20 प्रतिशत चल परिसंपत्तियों में रख सकते हैं।

(ii) चल परिसंपत्ति के रूप में नकदी सहित सरकारी प्रतिभूतियां, टी-बिल और सरकारी प्रतिभूतियों पर रेपो शामिल है।

(iii) यदि ऐसी चल परिसंपत्तियों में निवेश, योजना की शुद्ध संपत्ति से 20 प्रतिशत कम होता हो तो संपत्ति प्रबंधन कंपनी कोई और निवेश करने से पहले उपर्युक्त आवश्यकताओं का अनुपालन सुनिश्चित करेगी।

(iv) लिक्विड फंड तथा एक दिन के फंड को अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों के पास अल्पावधि जमा में नहीं रखा जाना चाहिए।

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