वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय (एमओसीआई) द्वारा 08 नवंबर, 2021 को लीड्स (लॉजिस्टिक्स ईज अक्रॉस डिफरेंट स्टेट्स) 2021 सूचकांक जारी किया गया। यह लीड्स सूचकांक का तीसरा संस्करण है (जैसाकि 2020 में कोविड-19 के कारण इस सूचकांक को जारी नहीं किया जा सका)। इस सूचकांक के तहत तीन अलग-अलग श्रेणियों—(i) 21 राज्य; (ii) पूर्वोत्तर राज्य और हिमालयी केंद्र-शासित प्रदेश; और (iii) अन्य केंद्र-शासित प्रदेश, में राज्यों/केंद्र-शासित प्रदेशों को रैंक प्रदान किए गए।


लीड्स एक वार्षिक पहल है जो किसी राज्य/केंद्र-शासित प्रदेश के लॉजिस्टिक्स इकोसिस्टम का आकलन करती है। इसे एमओसीआई ने 2018 में राज्यों/केंद्र-शासित प्रदेशों में लॉजिस्टिक्स (परिचालन तंत्र) और आपूर्ति श्रृंखला की मानसिकता विकसित करने तथा राज्यों के बीच रचनात्मक प्रतिस्पर्धा को सक्षम बनाने के लिए शुरू किया था। इस सूचकांक के अंतर्गत राज्यों/केंद्र-शासित प्रदेशों को मूल्य निर्धारण की प्रतिस्पर्धात्मकता, विनियामक बुनियादी ढांचे और गुणवत्तापूर्ण सेवाओं की उपलब्धता जैसे मापदंडों के तहत लॉजिस्टिक्स (जो देश की आर्थिक संवृद्धि के लिए आवश्यक है) संबंधी प्रदर्शन में सुधार या दक्षता के आधार पर रैकिंग प्रदान की जाती है।


रैंकिंग

लीड्स सूचकांक 2021 में गुजरात (3.66) अपनी सक्रिय नीतियों, और पूर्ण रूप से विकसित बुनियादी ढांचे के कारण लगातार तीसरी बार प्रथम स्थान पर रहा, जबकि लीड्स सूचकांक 2019 में छठे स्थान पर रहे हरियाणा (3.52) ने 2021 के सूचकांक में दूसरा, और पंजाब (3.51) ने तीसरा स्थान हासिल किया। (संकेतकों के अनुसार, सर्वेक्षण में ये तीन राज्य अधिकतम धारणा-आधारित (Perception-based) संकेतकों तथा वस्तुनिष्ठ मापदंडों (Objective Parameters) में अग्रणी हैं।

तत्पश्चात, क्रमशः तमिलनाडु (3.36); महाराष्ट्र (3.32); उत्तर प्रदेश (3.25); ओडिशा (3.20); कर्नाटक (3.18); आंध्र प्रदेश (3.17); तेलंगाना (3.14); छत्तीसगढ़ (3.09); झारखंड (3.09); उत्तराखंड (3.06); केरल (3.06); पश्चिम बंगाल (3.04); राजस्थान (2.96); मध्य प्रदेश (2.90); गोवा (2.84); बिहार (2.77); हिमाचल प्रदेश (2.75); और असम (2.63) को रैंक प्रदान किए गए।

सूचकांक 2021 में जहां, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और झारखंड के रैंक में 2019 की तुलना में उल्लेखनीय सुधार दर्ज किया गया, और वे शीर्ष सुधारकर्ता के रूप में उभरे, वहीं अपनी समस्याग्रस्त अवसंरचनाओं, सेवाओं तथा नियामक परिवेश (Regulatory Environment) के कारण मध्य प्रदेश एवं आंध्र प्रदेश पूर्ववर्ती सूचकांकों की अपेक्षा निचले स्थानों पर आ गए।

पूर्वोत्तर राज्यों और हिमालयी केंद्र-शासित प्रदेशों की श्रेणी में, जम्मू और कश्मीर 2.64 अंकों के साथ शीर्ष स्थान पर, उसके बाद सिक्किम (2.63); मेघालय (2.51); त्रिपुरा (2.50); अरुणाचल प्रदेश (2.43); मणिपुर (2.39); मिजोरम (2.12); और नागालैंड (2.02) हैं।

अन्य केंद्र-शासित प्रदेशों की श्रेणी में दिल्ली (3.35) शीर्ष स्थान पर, और चंडीगढ़ (3.06) दूसरे स्थान पर है।

हालांकि, अंडमान और निकोबार द्वीप, दादरा और नगर हवेली तथा दमन और दीव, लद्दाख, लक्षद्वीप एवं पुडुचेरी को लीड्स 2021 सर्वेक्षण में धारणा-आधारित संकेतकों के संबंध में पर्याप्त प्रतिक्रियाओं की कमी के कारण सूचकांक में शामिल नहीं किया गया है।

2018 में, राज्य स्तर पर प्रमुख लॉजिस्टिक्स हितधारकों की धारणा-आधारित प्रतिक्रिया पर विचार करते हुए इस सूचकांक के तहत राज्यों में आयात-निर्यात (EXIM) लॉजिस्टिक्स इकोसिस्टम का मूल्यांकन किया गया, जबकि 2019 में लीड्स के दूसरे संस्करण में धारणा-आधारित सर्वेक्षण के आधार पर प्रमुख हितधारकों के आयात-निर्यात और घरेलू लॉजिस्टिक्स इकोसिस्टम दोनों का मूल्यांकन किया गया था।

परंतु, 2021 के लीड्स सर्वेक्षण को आयात-निर्यात और घरेलू लॉजिस्टिक्स इकोसिस्टम के विश्लेषण में एक कदम और बढ़ाया गया; विशेष रूप से, समग्र मूल्यांकन ढांचे में दो सुधार किए गए। पहला, सूचकांक के निर्माण में धारणा-आधारित संकेतकों के साथ-साथ वस्तुनिष्ठ मापदंडों का उपयोग किया गया। दूसरा, लीड्स के समग्र ढांचे में बदलाव के मद्देनजर अधिक ठोस परिणाम प्राप्त करने के लिए सांख्यिकीय कार्यप्रणाली का अद्यतन किया गया है।

लीड्स सूचकांक 2021 एक राज्य/केंद्र-शासित प्रदेश के भीतर लॉजिस्टिक्स को आसान बनाने के लिए हितधारकों की धारणा और चर के वस्तुनिष्ठ मूल्यांकन को समाहित करता है। इस अध्ययन का उद्देश्य न केवल राज्यों/केंद्र-शासित प्रदेशों में मौजूदा लॉजिस्टिक्स इकोसिस्टम का एक संक्षिप्त विचार प्रदान करना है, बल्कि सुधार करने का अवसर भी प्रदान करना है।

21 संकेतकों (जिनमें 17 धारणा-आधारित संकेतक और चार वस्तुनिष्ठ संकेतक शामिल हैं) पर आधारित लीड्स सर्वेक्षण 2021 को, मई से अगस्त 2021 में आयोजित किया गया था, जिसके तहत 1,405 उत्तरदाताओं से 3,771 प्रतिक्रियाएं प्राप्त की गईं, जिनमें से सूचकांक के निष्कर्षों में 3,363 प्रतिक्रियाओं का उपयोग किया गया; इसके तहत चार अलग-अलग वर्गों के लॉजिस्टिक्स हितधारकों अर्थात व्यापारियों/वाहकों, परिवहन सेवा प्रदाताओं, टर्मिनल परिचालकों और लॉजिस्टिक्स सेवा प्रदाताओं के बीच धारणागत सर्वेक्षण किया गया। वस्तुनिष्ठ सर्वेक्षण में विभिन्न राज्य सरकारों द्वारा अपने-अपने राज्यों में लॉजिस्टिक्स वातावरण में सुधार की दिशा में की गई पहलों को समझने के लिए राज्यों के नीति, संस्थागत ढांचा, मौजूदा प्रवर्तन तंत्र, भंडारगृह के लिए मंजूरी व प्रक्रियाएं, स्मार्ट प्रवर्तन, शहरी लॉजिस्टिक्स और वाहन चालकों के सशक्तिकरण आदि से संबंधित क्षेत्रों के बारे में द्विआधारी (बाइनरी) प्रतिक्रियाएं प्राप्त की गईं।

निष्कर्ष

लीड्स सूचकांक 2021 के परिणामों से अगले 5 वर्षों में लॉजिस्टिक्स लागत के 5 फीसदी तक कम होने की उम्मीद है; इससे देश में बहुविध अवसंरचना की अगली पीढ़ी में आमूल-चूल बदलाव लाने की भी उम्मीद है, जैसाकि यह प्रतिस्पर्धी और सहकारी संघवाद तथा एक स्वस्थ प्रतिस्पर्धी भावना के साथ उत्कृष्टता के लिए एक वातावरण का निर्माण कर रहा है। इस प्रकार के आकलन से केवल किसी एक राज्य में पूर्ण सुधार की जगह सभी राज्यों के लॉजिस्टिक में सुधार होगा, जिससे पूरे देश का लॉजिस्टिक्स इकोसिस्टम मजबूत होगा।

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