5 अगस्त 2019 को सरोगेसी (विनियमन) विधेयक, 2019 लोकसभा में पारित किया गया।
इस विधेयक का उद्देश्य देश में व्यावसायिक सरोगेसी पर प्रतिबंध लगाना है।
विधेयक परोपकारी सरोगेसी को नियंत्रित करता है और उन महिलाओं के शोषण को रोकता है जो सरोगेसी केलिए अपनी कोख उधार देती हैं।
यह सरोगेसी के जरिए पैदा हुए बच्चों के अधिकारों की रक्षा करने के प्रावधान भी प्रदान करता है
यह बिल निःसंतान भारतीय जोड़ों द्वारा,जो कानूनी रूप से कम से कम 5 साल से विवाहित हैं और 23-50 आयु वर्ग की महिला और 26-55 आयु वर्ग के पुरुष हैं द्वारा मात्र करीबी रिश्तेदार से केवल परोपकारी सरोगेसी की अनुमति देता है।
यह विदेशियों,अनिवासी भारतीयों (एनआरआई) भारतीय मूल के व्यक्ति (पीआईओ) को सरोगेसी देने से प्रतिबंध करता है।
सरोगेसी एकल, समलैंगिक और लिव-इन जोड़ों पर लागू नहीं हो सकती।
विधेयक सरोगेसी की प्रणाली और प्रक्रिया के नियमन के लिए राष्ट्रीय और राज्य सरोगेसी बोर्ड का गठन करेगा।