23 जुलाई, 2018 को, इस विधेयक को लोकसभा में आयुष मंत्रालय के राज्य मंत्राी श्रीपद येस्सो नायक ने पेश किया। इसने मई 2018 में राष्ट्रपति द्वारा जारी होम्योपैथी केंद्रीय परिषद् (संशोधन) अध्यादेश, 2018 का स्थान लिया। इस विधेयक ने होम्योपैथी केंद्रीय परिषद् अधिनियम, 1973 को संशोधित किया जिसे केंद्रीय होम्योपैथी परिषद् और सेंट्रल रजिस्टर ऑफ होम्योपैथी तथा इससे जुड़े मामलों की देखरेख और प्रबंधन के लिए गठित किया गया था। होम्योपैथी शिक्षा और प्रैक्टिस को केंद्रीय परिषद् द्वारा विनियमित किया जाता है।

अधिनियम में, 18 मई, 2018 से प्रभावी होने के साथ केंद्रीय परिषद् को समाप्त करने का प्रावधान किया गया है। केंद्रीय परिषद् का इसके समाप्त किए जाने की तिथि से एक वर्ष के भीतर पुनर्गठन किया जाएगा। इस बीच, केंद्र सरकार केंद्रीय परिषद् की शक्तियों के क्रियान्वयन के लिए एक निदेशक मण्डल का गठन करेगी। बोर्ड में सात सदस्य तक होंगे जिनमें—;पद्ध होम्योपैथी शिक्षा के क्षेत्रा में प्रतिष्ठित व्यक्ति, और ;पपद्ध केंद्र सरकार द्वारा नियुक्त प्रसिद्ध प्रशासक शामिल होंगे। इनमें से एक सदस्य को बोर्ड का अध्यक्ष चुना जाएगा। नीतिगत निर्णयों के संदर्भ में, केंद्र सरकार का निर्देश अंतिम होगा।

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