इंग्लैंड की शेफील्ड यूनिवर्सिटी और अमेरिका में स्थित स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसिन के वैज्ञानिकों ने मोटर न्यूरॉन डिजीज (एमएनडी) जैसी बीमारियों के लिए आनुवंशिक जोखिम कारकों (जीन) की खोज करने हेतु एक नया मशीन लर्निंग मॉडल—RefMap—विकसित किया है। एआई (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) आधारित इस मॉडल का प्रयोग मोटर न्यूरॉन रोगों के लिए 690 जोखिम वाले जीनों की खोज करने के लिए किया जा चुका है, जिनमें से कई नई खोज हैं। ये सभी खोज वंशागतित्व (एक ऐसा आकलन, जो इस तथ्य की व्याख्या करता है कि आनुवंशिकता की भिन्नता के कारण मनुष्य में किस परिमाण तक रोग हो सकता है।) की खोज में पांच गुना वृद्धि करती हैं। इस शोध के निष्कर्ष 18 जनवरी, 2022 को साइंसडायरेक्ट के न्यूरॉन जर्नल में ‘जीनोम-वाइड आईडेंटिफिकेशन ऑफ द जेनेटिक बेसिस ऑफ एम्योट्रॉफिक लेट्रल स्क्लेरोसिस’ नामक शीर्षक से प्रकाशित किए गए हैं।
मोटर न्यूरॉन डिजीज (एमएनडी) एक दुर्लभ स्थिति है, जो तंत्रिका तंत्र के कुछ हिस्सों को उत्तरोत्तर नुकसान पहुंचाती है। इससे मांसपेशियों में कमजोरी, जो अकसर फुप्फुसीय यक्षमा (वेस्टिंग डिजीज) के रूप में दिखाई देती है, आती है। एमएनडी, जिसे एमियोट्रॉफिक लेट्रल स्क्लेरोसिस (एएलएस) के रूप में भी जाना जाता है, तब होता है जब मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी में मोटर न्यूरॉन्स नामक तंत्रिका कोशिकाएं ठीक से काम करना बंद कर देती हैं। इसे न्यूरोडीजनरेशन (तंत्रिका तंत्र की विकृति, विशेष रूप से मस्तिष्क में न्यूरॉन्स की) के रूप में जाना जाता है।
शोध के तहत विशिष्ट रूप से दर्शाए गए एमएनडी जीनों में से KANK1 नामक एक नए जीन को शोधकर्ताओं द्वारा मानव न्यूरॉन्स में न्यूरोटॉक्सिसिटी उत्पन्न करने के लिए चिह्नांकित किया गया है, जो एमएनडी से ग्रसित मरीजों के मस्तिष्क में देखा गया है। हालांकि प्रारंभिक चरण में, यह संभावित रूप से नई दवाओं के डिजाइन के लिए एक नया लक्ष्य है।
शोधकर्ताओं के अनुसार, एएलएस एक जटिल बीमारी है, जो मरीज को मोटर न्यूरॉन डेथ (मोटर न्यूरॉन्स या स्नायु तंत्र की कोशिकाओं के कमजोर होकर पूरी तरह खत्म हो जाने के बाद मरीज का अपने अंगों पर नियंत्रण नहीं रहता, जिसके कारण उसे अपने दैनंदिन के सामान्य कार्य, जैसे श्वास लेने और निगलने में कठिनाई होती है; आमतौर पर प्रथम लक्षणों के दिखाई देने के 3 वर्ष के भीतर मरीज को लकवा हो जाता है और उसकी मृत्यु हो जाती है) की ओर धकेलती है।
इस खोज के निष्कर्ष, रोग के लिए नए लक्षित चिकित्सकीय और आनुवंशिक परीक्षण का मार्ग प्रशस्त कर सकते हैं।
RefMap, जो जीन की खोज के लिए जीडब्ल्यूएएस (जीनोम-वाइड एसोसिएशन स्टडी, आनुवंशिकी अनुसंधान में विशेष बीमारियों के साथ विशिष्ट आनुवंशिक विविधताओं को जोड़ने के लिए उपयोग किया जाने वाला एक दृष्टिकोण है।) के संग्रहित आंकड़ों के साथ कार्यात्मक जीनोमिक्स को एकीकृत करता है। यह आनुवंशिक और एपिजेनेटिक (डीएनए अनुक्रम परिवर्तनों के अलावा अन्य तंत्रों के कारण जीन गतिविधियों में आनुवंशिक परिवर्तनों का एक अध्ययन।) डेटा को एकीकृत करके एक खतरनाक जीन की पहचान करता है। यह एक सामान्य उपकरण है और इसका प्रयोग शोधकर्ताओं द्वारा प्रयोगशाला में और अधिक बीमारियों के आनुवंशिक जोखिमों का पता लगाने के लिए किया जा रहा है।
चिकित्सा क्षेत्र में मशीन लर्निंग
मशीन लर्निंग एआई का एक अनुप्रयोग है, जो छवियों, संख्याओं और शब्दों सहित व्यापक परिमाण में डेटा के पैटर्न की खोज करने हेतु एल्गोरिद्म और आंकड़ों का प्रयोग करता है।
वर्तमान में, चिकित्सा क्षेत्र में मशीन लर्निंग का प्रयोग कैंसर तथा कोविड-19 जैसे भयावह रोगों के निदान में लगने वाले समय और इससे संबद्ध जोखिमों को कम करने के लिए किया जा रहा है।
हालांकि, मशीन लर्निंग की भी अपनी सीमाएं हैं, जैसाकि यह किसी भी रोग का तेजी से निदान कर सकता है, लेकिन उपचार के तौर-तरीकों को निर्धारित नहीं कर सकता। इसके अलावा, तकनीकी अकुशलता के कारण इससे प्राप्त डेटा या पैटर्न की गुणवत्ता बेहतर न होने की स्थिति में यह स्वयं डेटा का विश्लेषण नहीं कर सकता। अतः उपचार के तौर-तरीकों का निर्धारण ओर डेटा का विश्लेषण करने जैसे कार्य चिकित्सकों की ही जिम्मेदारी है। इसलिए चिकित्सा क्षेत्र में मशीन लर्निंग का अधिक बेहतर लाभ उठाने के लिए चिकित्सकों और अस्पतालों के लिए अपनी शिक्षा और प्रणाली में सुधार करने की आवश्यकता है।
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