कर्मचारी राज्य बीमा (ईएसआई) ने कर्मचारी राज्य बीमा अधिनियम 1948 के अंतर्गत कवर किए गए बीमित व्यक्तियों के लिए ‘अटल बीमित व्यक्ति कल्याण योजना’ नामक एक योजना को सितम्बर 2018 मंजूरी में प्रदान की। इस योजना के अंतर्गत बीमित व्यक्ति को, नौकरी जाने की स्थिति में और नए रोजगार की तलाश के दौरान सीधे बैंक खाते में राहत राशि भेजी जाएगी। रोजगार पद्धति में बदलाव तथा भारत में रोजगार के वर्तमान परिदृश्य, जो अनुबंध एवं अस्थायी कर्मचारियों के रूप में दीर्घकालिक रोजगार से निर्धारित अल्पावधि नियुक्ति में रूपांतरित हो गया है। ऐसे में बीमित व्यक्तियों एवं उनके आश्रितों को उपलब्ध कराई जाने वाली अपनी सेवाओं तथा लाभों में बेहतरी की दिशा में कुछ महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए।

ईएसआई निगम ने कर्मचारियों को प्रति व्यक्ति 10 रुपए की प्रतिपूर्ति के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी ताकि श्रमिकों एवं उनके पारिवारिक सदस्यों के ईएसआई डाटा बेस में आधार को जोड़े जाने को प्रोत्साहित किया जा सके। यह कदम एक ही बीमित व्यक्ति के विविध पंजीकरणों में कमी लाएगा और दीर्घकालिक अंशदायी स्थितियों के लिए आवश्यक लाभ उठाने में उन्हें सक्षम बनाएगा।

बीमित व्यक्तियों के आश्रितों के लिए सुपर स्पेशिएलिटी उपचार का लाभ उठाने की अर्हता में छूट देकर अब इसे एक वर्ष के बीमा योग्य रोजगार तक घटा दिया गया है, जिसमें 156 दिनों का अंशदान होगा। इस छूट से बीमित व्यक्तियों एवं उनके लाभार्थियों को संशोधित अर्हता के अनुसार, निःशुल्क सुपर स्पेशिएलिटी उपचार प्राप्त करने का अवसर मिलेगा।

ईएसआई निगम ने बीमित व्यक्तियों की मृत्यु पर भुगतान किए जाने वाले अंत्येष्टि व्यय में बढ़ोतरी कर इसे वर्तमान 10,000 रुपए से बढ़ाकर 15,000 रुपए करने को मंजूरी प्रदान की।

ईएसआई निगम ने सुपर स्पेशिएलिटी उपचार का लाभ उठाने के लिए अर्हता स्थितियों में रियायत प्रदान की है जिसमें पहले के दो वर्षों के बीमा योग्य रोजगार अवधि को घटाकर छह महीने कर दिया गया है और इसमें केवल 78 दिनों के अंशदान की आवश्यकता होगी।

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