नीति आयोग और गूगल दोनों मिलकर एक कृत्रिम बुद्धिमता (एआई) पारिस्थितिकी तंत्रा के निर्माण में कई पहलों पर एक साथ कार्य करेगी। इस समझौते का प्रमुख उद्देश्य भारत में स्वास्थ्य सेवाओं में क्षमता विस्तार, शिक्षा सुधार, अभिनव शासन प्रणाली का विकास एवं समग्र आर्थिक विकास जैसे क्षेत्रों में कार्य करना है। मई 2018 में इस संबंध में घोषणा की गई।

इस साझेदारी के तहत् प्रशिक्षण कार्यक्रम, स्टार्टअप एवं पीएचडी छात्रों द्वारा अनुसंधान को प्रोत्साहित किया जाएगा। साथ ही गूगल और नीति आयोग मिलकर एक एआई हैकाथॉन का भी आयोजन करेंगे जिसका उद्देश्य कृषि, शिक्षा, स्वास्थ्य देखभाल वित्तीय समावेश और परिवहन क्षेत्रों की प्रमुख चुनौतियों को हल करने पर केन्द्रित होगा। गूगल एआई तथा मशीन लर्निंग के ऑनलाइन कोर्स आरंभ करेगा।

प्रयुक्त खाद्य तेल को जैव ईंधन में परिवर्तित एवं एकत्रित करने की एफएसएसआई की रूको पहल

रूको पहल (RUCO) (repurpose used cooking oil) भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (FSSAI) का कार्यक्रम है। इस पहल का उद्देश्य उपयोग हो चुके खाद्य तेलों के इस्तेमाल से जैव-ईंधन (Bio Fuel) का उत्पादन कर प्रदूषण कम करना है। इस्तेमाल हो चुके खाद्य तेलों के संग्रह के लिए 101 स्थानों पर 64 कंपनियों की पहचान की गई है। एफएसएसएआई (FSSAI) का अनुमान है कि भारत में वर्ष 2022 तक जैव-डीजल के उत्पादन हेतु 220 करोड़ लीटर उपयोग हो चुका खाद्य तेल उपलब्ध होगा। इस पहल का शुभारम्भ 10 अगस्त, 2018 को विश्व बायो ईंधन दिवस के अवसर पर एफएसएसएआई किया गया। इस पहल को सफल बनाने एवं यूसीओ तेल (UCO) के प्रभावी अनुपालन को सुनिश्चित करने हेतु एफएसएसएआई, खाद्य उद्योग एवं बायोडीजल एसोसिएशन ऑफ इंडिया ;ठच्।प्द्ध के साथ साझेदारी में कार्य कर रहा है।

सरकार ने 29 जून, 2017 से बायोईंधन को प्रत्यक्ष बेचने की घोषणा कर दी थी। 2017-18 के दौरान तेल विपणन कंपनियों ने 4.36 करोड़ लीटर बायो डीजल प्राप्त किया है। 2016-17 में यही मात्रा 3.59 करोड़ लीटर थी। जनवरी 2018 में बायोडीजल पर जीएसटी 18 प्रतिशत से 12 प्रतिशत कर दिया गया।

ध्यातव्य है कि भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण के नियमानुसार, खाद्य तेलों में कुल ध्रुवीय यौगिकों (Total Polar Compounds) की अधिकतम स्वीकार्य सीमा 25 प्रतिशत निर्धारित है। इस सीमा से ऊपर का खाद्य तेल खपत के लिए असुरक्षित है। रुको पहल के कारण 80,000 लोगों को प्रत्यक्ष/अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलेगा। बंगलौर स्थित ईको ग्रीन फ्यूल कंपनी प्रतिवर्ष 1200 टन एवं दिल्ली स्थित बायोड एनर्जी प्राईवेट लिमिटेड प्रतिवर्ष 100 टन यूसीओ को बायो ईंधन में परिवर्तित कर रही है।

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