बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण (इरडा) ने देश में बीमा प्रवेश बढ़ाने के उद्देश्य से बीमा मार्केटिंग फर्मों (आईएमएफ) से संबंधित मानदंडों की समीक्षा करने हेतु सुरेश माथुर के नेतृत्व में 18 जून, 2018 को एक दस सदस्यीय समिति का गठन किया।

समिति ने आईआरडीए (बीमा मार्केटिंग फर्मों के पंजीकरण) विनियम, 2015 की समीक्षा करने के लिए याचिका आग्रह किया है। यह उन क्षेत्रों पर दिशा-निर्देशों की सिफारिश करेगा जिन पर आईएमएफ के नियम असक्रिय हैं। समिति अन्य वित्तीय क्षेत्रा नियामकों के अधिकार क्षेत्रा में आने वाले उत्पादों को लेकर आईएमएफ के वितरण चैनल को मजबूत करने के उपायों की सिफारिश भी करेगी।

उल्लेखनीय है कि वर्ष 2015 में आईआरडीएआई द्वारा क्षेत्रावार पंजीकरण दृष्टिकोण के माध्यम से बीमा प्रवेश को बढ़ाने के लिए आईएमएफ का नया वितरण चैनल प्रस्तुत किया गया था। चैनल को चलते हुए तीन वर्ष का समय हो गया है। समिति का गठन समाज के सभी स्तरों पर बीमा कवरेज बढ़ाने के उद्देश्य को विकसित करने और पूरा करने के लिए वितरण चैनल हेतु आवश्यक मौजूदा नियमों की समीक्षा हेतु किया गया था।

जैसाकि विदित है कि आईआरडीए एक शीर्ष सांविधिक निकाय है, जिसका कार्य भारत में बीमा उद्योग को नियंत्रित और विकसित करना है। यह बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण अधिनियम 1999 के प्रावधानों के अनुसार गठित किया गया था।

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