जर्नल ऑफ वर्टिब्रेट पेलियोनटोलॉजी में 17 अप्रैल, 2019 को प्रकाशित एक शोध ने पृथ्वी के सबसे विशालकाय मांसाहारी, स्तनधारी तथा थलचर जीव, सिम्बाकुबवा कुतोकाफ्रिका के जीवाश्म को उजागर किया, जिसे केन्या के राष्ट्रीय संग्रहालय में रखा गया था।

ये जीवाश्म वर्ष 2010 में तब प्रकाश में आए, जब ओहियो विश्वविद्यालय की एकीकृत जीवविज्ञानी नैन्सी स्टीवन्स को संग्रहालय से इसके जीवाश्म प्राप्त हुए। नैन्सी स्टीवन्स तथा इस शोध के सह-लेखक मैथ्यू बोर्थ्स के अनुसार, यह जीव आज से 22 मिलियन वर्ष पूर्व अफ्रीका के जंगलों पर राज करता था। वर्ष 1980 के आसपास पश्चिमी केन्या में इन जीवाश्मों को खुदाई करके प्राप्त किया गया था लेकिन इनकी कभी विस्तृत जांच नहीं की गई।

इस जीव को ध्रुवीय भालू से भी विशाल माना जाता है। सिम्बाकुबवा की खोपड़ी एक गैंडे की खोपड़ी के आकार की थी तथा इसके आठ इंच लंबे कैनाइन दांत केले के समान बड़े थे। इसका वजन लगभग एक टन था तथा इसकी लंबाई 8 फीट थी। स्वाहिली भाषा में सिम्बाकुबवा के नाम का अर्थ ‘बड़ा शेर’ है, पर यह बिल्ली परिवार का सदस्य नहीं था। यह अपने पारितंत्रा का सबसे बड़ा परभक्षी था। काल्पनिक राक्षसी भेड़ियों के विषय में बताते हुए बोर्थ्स ने कहा कि प्रथम दृष्टि में यह विशाल हाइना अथवा लंबी पूंछ वाले भेड़िये, जिसका सिर उसके शरीर के अनुपात में थोड़ा बड़ा हो, जैसा प्रतीत होता है। यह जीव लंबे समय तक खुली जमीन पर दौड़ने के लिए नहीं बना था। ये मांसाहारी जीव भेड़ियों की भांति शिकार करने के स्थान पर बाघों के समान शिकार किया करते थे। यह ह्येनोडोंट्स नामक समूह का सदस्य था, जो 62 मिलियन वर्ष पूर्व अस्तित्व में था। डायनासोर के विलुप्त हो जाने के 4 मिलियन वर्ष पश्चात स्तनधारियों के वर्चस्व का मार्ग प्रशस्त हुआ तथा ये 9 मिलियन वर्ष पूर्व विलुप्त हो चुके थे। बिल्लियों, भालू, हाइना और भेड़ियों जैसे मांसाहारी समूहों से पूर्व ह्येनोडोंट्स किसी प्रकार से संबंधित नहीं थे।

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