अगस्त 2020 की रिपोर्ट के अनुसार गूगल; सैमसंग की गैल्कसी शृंखला सहित सभी एंड्रॉयड ऑपरेटिंग प्रणाली वाले स्मार्टफोन्स का प्रयोग कर रहे उपभोक्ताओं के मोबाइल में भूकंप चेतावनी टूल जोड़ रहा है। इस चेतावनी टूल के माध्यम से लोगों को कुछ ही क्षणों में भूकंप का पूर्वानुमान मिल जाएगा और उन्हें अपनी तथा अपने प्रियजनों की सुरक्षा करने में मदद मिल सकेगी। गूगल ने इस टूल को ‘एंड्रॉयड अर्थक्वेक एलर्टिंग सिस्टम’ नाम दिया है।
यह प्रणाली सबसे पहले अमेरिका के कैलिफोर्निया राज्य में शुरू की जाएगी। उपयोगकर्ताओं के एंड्रॉयड उपकरणों पर भूकंप की चेतावनी के रूप में अलर्ट भेजने के लिए गूगल कंपनी, संयुक्त राज्य अमेरिका भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (यूएसजीएस) और कैलिफोर्निया के राज्यपाल के आपातकालीन सेवा कार्यालय (कैल ओईएस) के साथ साझेदारी करेगा। इन चेतावनियों को एक प्रणाली ‘शेकएलर्ट’, जो कैलिफोर्निया में स्थापित 700 से अधिक भूकंपमापियों (सियस्मोमाटर्स) से भूकंपी प्रबोधन प्राप्त (भूकंपीय डेटा का विश्लेषण) करती है; के माध्यम से संचालित किया जाएगा। यह प्रणाली प्रारंभिक परिमाण की गणना करती है और उन क्षेत्रों का अनुमान लगाती है जहां भूकंप के झटके महसूस हो सकते हैं। कैलिफोर्निया के निवासी ‘मायशेक’ नामक एप, जो शेकएलर्ट द्वारा संचालित अलर्ट का प्रसार करने के लिए वायरलेस एमरजेंसी अलर्ट का उपयोग करता है; का इस्तेमाल करेंगे। गूगल की नई प्रणाली भी डेटा प्राप्त करने और चेतावनी भेजने के लिए इसी डेटा फीड का प्रयोग करेगी।
गूगल की नई प्रणाली के तहत मोबाइल में कोई एप इंस्टॉल करने की आवश्यकता नहीं है। नए प्रोग्राम का चयन करते ही उपयोगकर्ता का एंड्रॉयड फोन, ‘एंड्रॉयड अर्थक्वेक अलर्ट्स सिस्टम’ के रूप में एक छोटे भूकंपमापी में बदल जाएगा। पूरी दुनिया में असंख्य एंड्रॉयड फोन्स के साथ, गूगल, वास्तव में पृथ्वी पर भूकंप का पता लगाने के लिए सबसे बड़ा नेटवर्क बना सकता है। अधिकतर स्मार्टफोनों में छोटे त्वरणमापी (एक्सेलेरोमीटर) लगे होते हैं। इन त्वरणमापियों के इस्तेमाल से एंड्रॉयड टूल भूकंप के झटके महसूस होने पर अर्थक्वेक-डिटेक्शन सर्वर पर संकेत भेज सकते हैं।
——–साइडलाइट——–
त्वरणमापी वे सेंसर्स होते हैं जो गति की दिशा और तीव्रता को मापते हैं। इनका उपयोग मुख्य रूप से यह निर्धारित करने के लिए किया जाता है कि उपयोगकर्ता ने फोन पोट्रेट या लैंडस्केप मोड में पकड़ा हुआ है।
एंड्रॉयड उपकरण की संवेदनशीलता, भूकंप से जुड़ी दो प्रकार की तरंगें, पी (प्राइमेरी) तरंग और एस (सेकेंडरी) तरंग, दोनों का पता लगाने के लिए पर्याप्त है। पी (P) तरंग, जो उपरिकेंद्र से निकलने वाली प्रथम और सबसे तीव्र तरंग होती है; को महसूस नहीं किया जा सकता; जबकि एस ;ैद्ध तरंग, थोड़ी धीमी लेकिन आमतौर पर प्रचंड होती है और अधिक तबाही का कारण बनती है। एंड्रॉयड उपकरण पी तरंग की पहचान कर लोगों को एस तरंग से बचाव का अवसर प्रदान कर सकता है।
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हालांकि, गूगल एंड्रॉयड प्रणाली वाले मोबाइल फोन के माध्यम से घटना, स्थान और भूकंप की प्रचंडता का पता लगाया जा सकता है, लेकिन यह उन उपयोगकर्ताओं को चेतावनी नहीं दे सकता जो पहले से ही उपरिकेंद्र के निकट हों।
जिन स्थानों पर त्वरणमापियों का एक परिष्कृत नेटवर्क उपलब्ध नहीं होता, उन स्थानों पर गूगल अपने फोनों के नेटवर्क के माध्यम से गूगल खोज (गूगल सर्च इंजन) पर भूकंप के स्थानीयकृत परिणाम दर्शाएगा। उदाहरण के तौर पर जब आप ‘भूकंप’ या ‘मेरे निकट भूकंप’ लिखकर खोजेंगे, गूगल आपके क्षेत्रा के लिए उचित जानकारी प्रदान करेगा और साथ ही आपको भूकंप के पश्चात क्या करना चाहिए उसका मार्गदर्शन भी प्रदान करेगा। एक बार गूगल अपनी प्रणाली सूक्ष्मता से संतुष्ट होने पर, भूकंप की यह चेतावनी सीधे एंड्रॉयड फोन पर भेज देगा।
इस विशेषता (फीचर) को गूगल प्ले स्टोर पर संकलित किया जाएगा। इस प्रकार, यह अधिकांश एंड्रॉयड उपकरणों पर उपलब्ध होगा, भले ही वह एंड्रॉयड ऑपरेटिंग संस्करण हो या न हो। हालांकि, यह विशेषता गूगल मोबाइल सेवा रहित फोनों पर उपलब्ध नहीं होगी, जैसेकि चीन में बेचे जाने वाले उपकरण तथा हुवाई या ऑनर ब्रांड से खरीदे गए नए उपकरण।
यदि फोन भूकंप के कुछ शुरुआती संकेत या झटके के संकेतों को महसूस करता है, तो यह उस स्थान की जानकारी के साथ गूगल के भूकंप का पता लगाने वाले सर्वर को संकेत भेजेगा। तत्पश्चात सर्वर यह सुनिश्चित करने के लिए कि भूकंप आया है या नहीं, कई मोबाइल फोन से जानकारी एकत्रा करेगा।

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