अहमदाबाद स्थित भौतिक अनुसंधान प्रयोगशाला (पीआरएल) के वैज्ञानिकों के एक अन्तरराष्ट्रीय दल (जिसमें भारतीय वैज्ञानिक प्रोफेसर अभिजीत चक्रवर्ती के नेतृत्व में अमेरिका और यूरोप के छात्र तथा अन्तरराष्ट्रीय सहयोगी शामिल थे) ने HD82139b नामक एक बाह्यग्रह की खोज की। यह बृहस्पति ग्रह से 1.4 गुना बड़ा है, और पृथ्वी से 725 प्रकाश वर्ष दूर स्थित है। इस खोज के निष्कर्ष जर्नल मन्थली नोटिस ऑफ द रॉयल एस्ट्रोनॉमिकल सोसाइटी में डिस्कवरी ऑफ एन इन्फ्लेटिड हॉट जूपिटर अराउण्ड ए स्लाइटली इवॉल्व्ड स्टार TOI-1789 नामक शीर्षक से प्रकाशित हुए थे।
जो ग्रह हमारे सौरमण्डल के बाहर पाए जाते हैं, बाह्यग्रह या बहिर्ग्रह कहलाते है। ये सभी बहिर्ग्रह सौरमण्डल के ग्रहों की तरह ही अपने नक्षत्रों (या सूर्य) की परिक्रमा करते हैं।
HD82139b की खोज माऊंट आबू में स्थित वेधशाला में पीआरएल की 1.2 मीटर लम्बी दूरबीन, PRL’s Advanced Radial-velocity Abu-sky Search (पारस) के ऑप्टिकल फाइबर-फेड स्पेक्ट्रोग्राफ के माध्यम से की गई है। (एक फाइबर ऑप्टिक स्पेक्ट्रोग्राफ का प्रयोग लेजर की तरंगदैर्घ्य और रेखा के विस्तार तथा एक सामान्य प्रकाशस्रोत का मापन करने हेतु किया जाता है।) पारस, भारत में अपनी तरह का पहला स्पेक्ट्रोग्राफ है, जो किसी बाह्यग्रह के द्रव्यमान का मापन कर सकता है। इस बाह्यग्रह के द्रव्यमान से सम्बन्धित माप दिसम्बर 2020 और मार्च 2021 में किए गए थे। इसके अलावा, जर्मनी में टीसीईएस स्पेक्ट्रोग्राफ का उपयोग करते हुए अनुवर्ती माप अप्रैल 2021 में किए गए।
नामकरण: इस बाह्यग्रह को हेनरी ड्रेपर कैटलॉग, जिसमें 2,25,300 सितारों के लिए स्पेक्ट्रोस्कोपीय वर्गीकरण शामिल था, में जोड़ा गया था। द ट्रॉन्जिटिंग एक्सोप्लैनेट सर्वे सैटेलाइट (टीईएसएस) इनपुट कैटलॉग के अनुसार इस बाह्यग्रह के मेजबान तारे को TOI 1789 के नाम से जाना जाता है, जबकि इण्टरनेशनल एस्ट्रोनॉमिकल यूनियन नोमेनक्लेचर के अनुसार, यह बाह्यग्रह HD82139b है। टीईएसएस इनपुट कैटलॉग (टीआईसी) आकाश में हर दृष्टिगत रूप से स्थायी और खगोलीय पिण्ड के लिए तारकीय मापदण्डों का एक संकलित कैटलॉग है।
HD82139b की विशेषताएं
शोधकर्ताओं के अनुसार, यह अब तक खोजा गया दूसरा बाह्यग्रह है, जैसाकि इससे पहले केवल एक बाह्यग्रह K2-236b, शनि से छोटे आकार के ग्रह (जिसका द्रव्यमान पृथ्वी के द्रव्यमान का लगभग 27 गुना और त्रिज्या पृथ्वी से 6 गुना है), जो पृथ्वी से 600 प्रकाश वर्ष दूर स्थित है, की खोज 2018 में की गई थी। HD82139b का द्रव्यमान बृहस्पति के द्रव्यमान का 70 प्रतिशत है। यह बाह्यग्रह एक विकसित या परिपक्व नक्षत्र, जिसका द्रव्यमान सूर्य से 1.5 गुना अधिक है, की परिक्रमा पृथ्वी के 3.2 दिनों में पूरी करता है; और इस प्रकार यह तारे के अत्यन्त ही निकट 0.05 एयू (एक खगोलीय इकाई को सूर्य और सौरमण्डल में स्थित ग्रहों की औसत दूरी के रूप में परिभाषित किया जाता है।) पर पहुंच जाता है (जो लगभग सूर्य तथा बुध ग्रह के बीच की दूरी का 1/10 है)। बाह्यग्रहों के समूहों के बीच अब तक ज्ञात ऐसी 10 से कम निकटस्थ प्रणालियां हैं।
अपने मेजबान तारे से इसकी निकटता के कारण यह ग्रह अत्यधिक गर्म है, जिसकी सतह का तापमान 2,000 केल्विन (1,726.85 डिग्री सेल्सियस) तक है। इसमें 0.31 ग्राम प्रति सीसी के घनत्व के साथ एक परिवर्धित त्रिज्या भी है, जो इसे सबसे कम घनत्व वाले ग्रहों में से एक बनाती है। अपने मेजबान तारों के अत्यन्त निकट परिक्रमा करने वाले कुछ बाह्यग्रहों, जिनका द्रव्यमान बृहस्पति के द्रव्यमान से 0.25 गुना अधिक या उसके बराबर होता है, को ‘गर्म-बृहस्पति’ कहा जाता है।
खगोलविदों के अनुसार, यह निकटस्थ ग्रहों सहित कुछ समीपस्थ विकसित सितारों में से एक है। यह खोज ‘गर्म बृहस्पतियों’ में प्रज्वलन के लिए जिम्मेदार प्रक्रिया को समझने में हमारी मदद करेगी। यह खोज मुख्य परिणामी शाखा को छोड़कर तारों के चारों ओर ग्रहों के विकास को समझने का अवसर भी प्रदान करेगी।
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