‘ब्लॉकचेन’, आपस में जुड़े हुए डेटा (आंकड़ों) की एक श्रृंखला है। पीयर-टू-पीयर सांस्थिति (टोपोलॉजी) पर आधारित, ब्लॉकचेन एक डिस्ट्रीब्यूटेड लैजर टेक्नोलॉजी (डीएलटी) है जो वैश्विक स्तर पर डेटा को हजारों सर्वरों पर संग्रहित करने की सुविधा प्रदान करती है—यद्यपि यह किसी को भी नेटवर्क पर वास्तविक समय में कितनी भी प्रविष्टियों (एंट्रीज) का अवलोकन करने की अनुमति देती है। डेटा के प्रत्येक स्थानांतरण की क्रिया एक श्रृंखला (चेन) से जुड़ी होती है, जो बैचों मे क्रिप्टोग्राफिक सिद्धांतों का उपयोग करती है और इससे डेटा ब्लॉकों का निर्माण होता है। ये ब्लॉक आपस में एक-दूसरे से जुड़े होते हैं। इन ब्लॉकों की पहचान के लिए प्रत्येक ब्लॉक को विशिष्ट अभिज्ञात कोड (हैश) प्रदान किया जाता है, जो किसी ब्लॉक को उसके पिछले एवं अगले ब्लॉक से जोड़ता है। इस प्रकार एक ‘ब्लॉकचेन’ बनती है। ब्लॉकचेन का स्वामित्व किसी एक व्यक्ति के पास नहीं होता बल्कि ‘ब्लॉकचेन’ श्रृंखला का प्रबंधन एवं संग्रहण कई कंप्यूटरों में होता है।
प्रत्येक लैजर को इस प्रणाली से जुड़े सभी कंप्यूटरों के साथ साझा किया जाता है और संबद्ध लैजर की प्रतिलिपि का संग्रहण भी किया जाता है। इस प्रकार विकेंद्रीकृत भंडारण से ‘ब्लॉकचेन’ श्रृंखला की सुरक्षा सुनिश्चित होती है। उदाहरण के लिए, किसी रिकॉर्ड के विवरण में बदलाव करने से उस ब्लॉक के कोड या हैश को भी बदलना होगा। इसलिए संबद्ध ब्लॉक, क्रम में अगले ब्लॉक से वियोजित या अलग हो सकता है और पिछले ब्लॉक का हैश बदल सकता है। यह प्रक्रिया इसी प्रकार से आगे भी जारी रहती है। जैसा कि, डेटा विभिन्न कंप्यूटरों में संग्रहित होता है, इसलिए यदि कोई व्यक्ति किसी भी एक कंप्यूटर में डेटा से संबंधित विवरण को बदलना चाहता है तो उसे श्रृंखला से जुड़े अन्य कंप्यूटरों में भी डेटा के विवरण को बदलना होगा।
ब्लॉकचेन प्रौद्योगिकी, बिटकॉइन एवं अन्य क्रिप्टोकरेंसी का आधार है। पारदर्शिता एवं सुरक्षा, ब्लॉकचेन प्रौद्योगिकी की मुख्य विशेषताएं हैं जिसके कारण क्रिप्टोकरेंसी अत्यंत लोकप्रिय हो गई है। इस प्रौद्योगिकी का प्रयोग खुदरा व्यापार, विनिर्माण तथा बैंकिंग क्षेत्र में हो रहा है। विशेष रूप से सार्वजनिक लेन-देन से जुड़े सरकारी डेटा के रख-रखाव के लिए ब्लॉकचेन प्रौद्योगिकी महत्वपूर्ण है। उदाहरण के लिए, यदि भूमि के सभी रिकॉर्ड को ब्लॉकचेन के रूप में दर्ज किया जाता है, तो भू-संपत्ति की प्रत्येक खरीद एवं बिक्री को एक ब्लॉक के रूप में रिकॉर्ड किया जा सकेगा। भू-संपत्ति के इस रिकॉर्ड को सार्वजनिक रूप से कोई भी व्यक्ति प्राप्त कर सकता है तथा सरकार के लिए भ्रष्टाचार की जांच करना आसान होगा। ब्लॉकचेन प्रौद्योगिकी में लगातार विकास हो रहा है तथा अलग-अलग क्षेत्रों में इसके व्यावहारिक उपयोग की संभावनाओं की पड़ताल हो रही है।
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