राइनो इम्पैक्ट बॉन्ड काले गैंडे (ब्लैक राइनो) की प्रजाति केसंरक्षण केलिए विश्व का पहला वित्तीय साधन है। इस बॉन्ड की पेशकश करने वाली कंपनी कंजरवेशनकैपिटल मानती है किनिवेशकों को प्रभावित करने केलिए गैंडों केसंरक्षण हेतु जारी यह बॉन्ड निधिकरण केजोखिम को दानकर्ताओं से स्थानांतरित कर संरक्षण केकार्य को वित्तीय निष्पादन से जोड़ता है। वैश्विक स्तर पर काले गैंडों की आबादी में 10प्रतिशत तक की वृद्धि हो सकती है। पांच साल की अवधि (2019 में आरबीआई द्वारा प्रस्तुत) वाला यह बॉन्ड (एक निश्चित आय वाला निवेश साधन) 50 मिलियन डॉलर मूल्य का है। इस बॉन्ड का मुख्य उद्देश्य केन्या और दक्षिण अफ्रीका केपांच स्थानों पर अफ्रीकी काले गैंडों की संख्या को बढ़ाना है।


बॉन्ड एक ऋण प्रतिभूति है, जिसकेअंतर्गत अधिकृत जारीकर्ता प्रतिभूतिधारकों को ऋण देता है। प्रतिभूतिधारक बॉन्ड की शर्तों केआधार पर ब्याज का भुगतान करने और/या परिपक्वता पूरी होने पर बाद की तारीखों में मूलधन चुकाने केलिए बाध्य होते हैं। यह एक निश्चित अनुबंध है जो निश्चित अंतराल (उदाहरण केलिए, अर्धवार्षिक, वार्षिक, कभी-कभी मासिक) पर ऋण ली गई राशि का भुगतान ब्याज सहित करने का प्रावधान करता है। बॉन्ड, ऋण लेने वाले को लंबी अवधि केनिवेश हेतु वित्त (धनराशि) प्रदान करने केलिए बाहरी फंड प्रदान करते हैं या सरकारी बॉन्ड केमामले मेंमौजूदा व्यय हेतु वित्त प्रदान करने केलिए धनराशि देते हैं। बॉन्ड एवं स्टॉक दोनों प्रतिभूतियां हैं, लेकिन दोनों केबीच बड़ा अंतर यह है कि शेयरधारक की कंपनी मेंइक्विटी (पूंजी) हिस्सेदारी होती है (अर्थात वे कंपनी केमालिक हैं), जबकि बॉन्डधारक की कंपनी मेंएक लेनदारी की हिस्सेदारी (अर्थात वे ऋणकर्ता होते हैं) होती है।

बॉन्ड बाजार को ऋण बाजार या साख बाजार (र्केडिट मार्केट) कहा जाता है। यह एक ऐसा वित्तीय बाजार है जहां निवेशक सरकार तथा कॉर्पोरेट द्वारा जारी की गई ऋण प्रतिभूतियों मेंनिवेश करते हैं। सामान्यतया, सरकार ऋण चुकाने, पूंजी जुटाने या फंड केबुनियादी ढांचे मेंसुधार केलिए बॉन्ड जारी करती है। इसकेअलावा, सार्वजनिक रूप से कारोबार करने वाली कंपनियों को यदि अपनी व्यापार विस्तार परियोजनाओं का वित्तीय प्रबंधन करने या परिचालन को बनाए रखने की आवश्यकता होती है, तो वे बान्ड जारी कर सकते हैं। बॉन्ड बाजार दो प्रकार केहोते हैः प्राथमिक बाजार तथा द्वितीयक बाजार। प्राथमिक बाजार को ‘नए मुद्दों’ वाले बाजार केरूप मेंसंदर्भित किया जाता है, जिसमेंलेन-देन सीधे बॉन्ड जारीकर्ता एवं बॉन्ड खरीददारों केबीच होता है। वास्तव मेंप्राथमिक बाजार बिल्कुल नई ऋण प्रतिभूतियों का निर्माण करता है, जो उससे पहले बाजार में उपलब्ध नहीं थीं। द्वितीयक बाजार मेंपहले से ही प्राथमिक बाजार मेंबेची गई प्रतिभूतियों को बाद वाली तारीखों मेंखरीदा एवं बेचा जाता है।


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