खगोलविदों ने अब तक की सबसे बड़ी (16.3 मिलियन प्रकाश वर्ष विस्तृत) रेडियो गैलेक्सी एल्सियोनियस (Alcyoneus) की खोज की, जो पृथ्वी से लगभग 3 बिलियन प्रकाश वर्ष दूर स्थित है। इस शोध के निष्कर्ष एस्ट्रोनॉमी एस्ट्रोफिजिक्स जर्नल में द डिस्कवरी ऑफ ए रेडियो गैलेक्सी ऑफ एट लीस्ट 5 एमपीसी नामक शीर्षक से प्रकाशित किए गए।
शोधकर्ताओं के अनुसार, एल्सियोनियस गैलेक्सी का व्यास हमारी आकाशगंगा से 160 गुना बड़ा और इससे पूर्व खोजी गई सबसे बड़ी रेडियो गैलेक्सी IC1101 (जिसका विस्तार 3.9 मिलियन प्रकाश वर्ष है) से चार गुना बड़ा है। शोधकर्ताओं ने इस आकाशगंगा का नाम यूनान के आकाश के आदिम देवता, ओरानोस के पुत्र एल्सियोनियस के नाम पर रखा है।
कई आकाशगंगाओं के केन्द्र में अप्रत्यक्ष रूप से एक विशालकाय ब्लैक होल स्थित रहता है, जो नए तारों की उत्पत्ति को धीमा करता है और इसलिए दृढ़तापूर्वक आकाशगंगा के पूरे जीवनचक्र को प्रभावित करता है। कभी-कभी, इससे अनिश्चितता की घटना होती है जैसे कि, ब्लैक होल दो जेट स्ट्रीम (वायुमण्डल के ऊपरी स्तरों में स्थित अपेक्षाकृत दृढ़ और तीव्र, परन्तु पवन की संकीर्ण—सपाट ट्यूब के आकार वाली—धाराएं।) का निर्माण कर सकता है, जो आकाशगंगा के छोटे तारों के लिए लगभग प्रकाश की गति से निर्माण सामग्री को बाहर की ओर निक्षेपित करता है। इस प्रबल प्रक्रिया में, स्टारडस्ट (तारों के बीच स्थित धूल भरा पदार्थ) इतना अधिक गर्म हो जाता है कि यह प्लाज्मा में विलयित हो जाता है। कई मिलियन प्रकाश वर्षों तक यात्रा करने के पश्चात, प्लाज्मा की चमक मद्धिम होकर प्ल्यूम्स (पंखों) की तरह फैल जाती है, जो रेडियो तरंगों के रूप में प्रकाश उत्सर्जित करती है। इस प्रकाश के डेटा को लीडेन (नीदरलैंड), हर्टफोर्डशायर, ऑक्सफोर्ड (दोनों ब्रिटेन) और पेरिस (फ्रांस) के शोधकर्ताओं की अन्तरराष्ट्रीय टीम ने यूरोप के अधिकांश देशों में स्थित लोफर (लो फ्रीक्वेंसी एरे) टेलिस्कोप, जिसका उपरिकेन्द्र डच ‘रेडियो डार्क’ नेचर रिजर्व में स्थित है, के माध्यम से संचित किया।
शोध के निष्कर्ष
‘लोफर’ से प्राप्त डेटा के अवलोकन से शोधकर्ताओं द्वारा प्लाज्मा के दो विशालकाय प्ल्यूम्स का पता लगाया गया, जो कदाचित गैलेक्सी के केन्द्र में स्थित साधारण वृहदाकार ब्लैक होल से उत्सर्जित हो रहे थे। वैज्ञानिकों द्वारा अब तक एकल आकाशगंगा द्वारा निर्मित इतनी बृहत संरचना का अवलोकन नहीं किया गया था। इस खोज से ज्ञात हुआ है कि कुछ आकाशगंगाओं के प्रभाव क्षेत्र उनके प्रत्यक्ष वातावरण से बहुत दूर तक फैले होते हैं। शोधकर्ताओं के अनुसार, ये प्ल्यूम्स एक 1.6 मिलियन प्रकाश वर्ष के समान विस्तारित आकाशगंगा का निर्माण कर रहे थे, जिसका विस्तार 16 मिलियन प्रकाश वर्षों के बराबर था और एक पंक्ति में 100 मिल्की वे आकाशगंगाओं के विस्तार के बराबर है।
अनावृत रेडियो टेलिस्कोप से रेडियो गैलेक्सी की दृश्यताः चूंकि पृथ्वी ब्रह्माण्ड में एक विशेष स्थान पर स्थिर नहीं है, इसलिए पहले यह अनुमान लगाना सम्भव नहीं था कि इस तरह की सबसे बड़ी गैलेक्टिक (मंदाकिनीय) संरचना हमारे इतने निकट होगी। वास्तव में, लोफर टेलिस्कोप के रेडियो से इस विशालकाय आकाशगंगा का अवलोकन किया गया, क्योंकि प्ल्यूम्स अपेक्षाकृत निस्तेज थे। टेलिस्कोप से प्राप्त मौजूदा छवियों के संग्रह का इस प्रकार से पुनर्प्रसंस्करण किया गया कि परिष्कृत आकृति अलग हो गई तथा वैज्ञानिक अनायास ही इस विशालकाय गैलेक्सी की खोज में सक्षम हुए।
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